RJD MLA Ritlal Yadav: पटना हाईकोर्ट से राजद विधायक रीतलाल यादव को बड़ा झटका लगा है. चर्चित सत्यनारायण सिन्हा हत्याकांड में हाईकोर्ट ने निचली अदालत द्वारा दिए गए बरी होने के आदेश को रद्द कर दिया है और इस मामले की दोबारा सुनवाई कराने का निर्देश दिया है. वर्ष 2023 में पटना सिविल कोर्ट की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में रीतलाल यादव सहित अन्य आरोपियों को बरी कर दिया था.
इस वजह से दोबारा सुनवाई का दिया आदेश
दानापुर की पूर्व बीजेपी विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा की 30 अप्रैल 2003 को खगौल स्थित जमालुद्दीन चक में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. उस दिन पटना के गांधी मैदान में राजद की ‘तेल पिलावन, लाठी घुमावन’ रैली आयोजित हुई थी. इस हत्याकांड में रीतलाल यादव समेत कई लोगों का नाम सामने आया था. निचली अदालत के फैसले के खिलाफ आशा सिन्हा ने हाईकोर्ट में अपील की थी, जिसके बाद अदालत ने अब केस की दोबारा सुनवाई करने का आदेश दिया है.
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क्या है पूरा मामला
घटना 30 अप्रैल 2003 की है. उस समय पटना के गांधी मैदान में राजद की ऐतिहासिक रैली ‘तेल पिलावन, लाठी घुमावन’ आयोजित की गई थी. इसी दिन खगौल के जमालुद्दीन चक इलाके में दानापुर की पूर्व बीजेपी विधायक आशा सिन्हा के पति सत्यनारायण सिन्हा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्या के मामले में रीतलाल यादव समेत कई लोगों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई थी.
मामला अदालत में गया और पटना हाईकोर्ट के आदेश पर इसकी स्पीडी ट्रायल के तहत सुनवाई हुई. वर्ष 2023 में पटना सिविल कोर्ट की एमपी-एमएलए विशेष अदालत ने सबूतों के अभाव में रीतलाल यादव समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया. इस फैसले के खिलाफ पीड़िता और पूर्व विधायक आशा सिन्हा ने हाईकोर्ट में अपील दायर की.
फरवरी 2024 में पटना हाईकोर्ट ने इस मामले के सभी आरोपियों को नोटिस जारी किया. लंबी सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को निरस्त करते हुए कहा कि इस हत्याकांड की फिर सुनवाई होनी चाहिए. अदालत का यह फैसला रीतलाल यादव के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि अब उन्हें दोबारा इसी केस का सामना करना होगा.

