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चिराग पासवान ने सीएम को लिखी इमोशनल चिट्ठी, कहा- भले मुझसे न मिलें लेकिन पिता की बरसी में आएं

चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार से आग्रह किया कि रामविलास पासवान उनके मित्र और सहयोगी रहे हैं. इसलिए वो उनकी श्रद्धांजलि सभा में शामिल हों. भले ही वो मुझसे नहीं मिलें, मुझे आशीर्वाद नहीं दें लेकिन रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि जरूर दें.

पटना. लोजपा सांसद चिराग पासवान शनिवार को अपने पिता की बरसी में शामिल होने के लिए दिल्ली से पटना पहुंचे.चिराग पासवान पटना एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि वो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर अपने पिता रामविलास पासवान की बरसी में आने के लिए निमंत्रण देना चाहते थे. लेकिन, सीएम से समय नहीं मिलने के कारण वे उनसे नहीं मिल पाया. अब मीडिया के माध्यम से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पिता की बरसी कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण दे रहा हूं. मुख्यमंत्री को मुझसे नाराजगी हो सकती है, लेकिन मेरे पिता रामविलास पासवान का 50 साल का राजनीतिक जीवन बेदाग रहा है. इसलिए वे इस कार्यक्रम में जरूर आएं, यह आग्रह करता हूं.उन्होंने कहा कि रामविलास पासवान उनके मित्र और सहयोगी रहे हैं. इसलिए वो उनकी श्रद्धांजलि सभा में शामिल हों. भले ही वो मुझसे नहीं मिलें, मुझे आशीर्वाद नहीं दें लेकिन रामविलास पासवान को श्रद्धांजलि जरूर दें.राम विलास पासवान की आज बरसी है.चिराग पासवान ने इसको लेकर पीएम नरेंद्र मोदी, सोनिया गांधी, लालू प्रसाद यादव समते सभी वरीय नेताओं से मिलकर आने का निमंत्रण दिया है.

पटना में हो रहा कार्यक्रम

रविवार को पटना में पूर्व केंद्रीय मंत्री रहे रामविलास पासवान की बरसी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. इसमें शामिल होने के लिए चिराग पासवान के चाचा व केंद्रीय मंत्री पशुपति कुमार पारस ने भी हामी भर दी है. लोजपा में टूट के बाद पहली बार चिराग और पारस एक साथ दिखेंगे.

नीतियों का विरोध किया

चिराग पासवान ने कहा कि मैंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का नहीं उनके नीतियों का विरोध किया. सात निश्चय कार्यक्रम का विरोध किया हूं. क्योंकि इतने सालों से सत्ता में रहने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार यह काम कर रहे हैं, यह काम तो और पहले ही हो जाना चाहिए था.

दलितों के बड़े नेता थे

चिराग ने कहा कि रामविलास पासवान दलितों के बड़े नेता थे. वर्षो तक कई लोगों ने उनके साथ काम किया है और सबके लिए उनके मन में समान विचार था. इसलिए जनता और आम आदमी उनको अधिक चाहती थी. वो पार्टी के हर एक कार्यकर्ता को अपने बेटे के समान मानते थे. चिराग ने अपने दिवंगत पिता और रघुवंश प्रसाद सिंह की मूर्ति लगाने की तेजस्वी यादव की मांग पर कहा कि हम लोग भी चाहते हैं कि उनकी मूर्ति लगे.

RajeshKumar Ojha
RajeshKumar Ojha
Senior Journalist with more than 20 years of experience in reporting for Print & Digital.

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