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Friday, March 29, 2024

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बिहार में सार्वजनिक कुओं का हो रहा है जीर्णोद्धार, 323 कुओं पर अतिक्रमणकारियों का कब्जा

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत राज्यभर में कुल 84592 सार्वजनिक कुंएं चिह्नित किये गये हैं. पूरे प्रदेश से 33069 कुंओं का जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है. इनमें 24852 कुंओं का जीर्णेद्धार पूर्ण कर लिया गया है.

पटना. जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत चिह्नित राज्यभर के 11848 सार्वजनिक कुंओं पर लोगों ने कब्जा कर रखा था. यह कब्जा कई स्तरों पर था. इसकी जानकारी होने पर बिहार के विभिन्न जिलों से 11525 कुंओं को अतिक्रमणमुक्त करा लिया गया. अब भी 323 सार्वजनिक कुंओं पर लोगों का कब्जा है. वहीं, वर्षा व दैनिक उपयोग से बर्बाद जल को संचित करने के लिए राज्यभर के 18498 जल संचयन संरचनाओं पर भी लोगों ने कब्जा कर रखा था. इनमें से 18629 को कब्जा से मुक्त करा लिया गया है. वर्तमान में 229 जल संचयन संरचना लोगों के कब्जे में है. कुंओं व जल संचयन संरचनाओं के जीर्णोद्धार तथा निर्माण कार्य के दौरान इसका खुलासा हुआ.

सार्वजनिक कुंओं का कराया जा रहा जीर्णोद्धार

जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत राज्यभर में कुल 84592 सार्वजनिक कुंएं चिह्नित किये गये हैं. पूरे प्रदेश से 33069 कुंओं का जीर्णोद्धार कार्य कराया जा रहा है. इनमें 24852 कुंओं का जीर्णेद्धार पूर्ण कर लिया गया है. इन 84592 कुंओं में से 22094 के सामने सोख्ता निर्माण कार्य किया जाना है. इनमें से 17287 के किनारे सोख्ता का निर्माण किया जा चुका है.

दैनिक उपयोग व सिंचाई के लिए बनायी गयी जल संरचना

जल-जीवन हरियाली अभियान के तहत वर्षा जल संचयन के लिए राज्यभर में 101049 जल संचयन संरचना बनायी जानी थी. घर, निजी तथा सरकारी कार्यालयों की छतों पर जल संरचना का निर्माण किया जाना था. इसके तहत राज्य में कुल 94971 सरकारी भवन चिह्नित किये गये. इनमें 13954 में कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. 13672 सरकारी भवनों की छतों पर वर्षा जल संरचना का निर्माण किया जा चुका है. घर, दफ्तरों समेत इस तरह के आवासीय परिसरों में बनाये गड्ढे में एकत्रित जल का उपयोग दैनिक कार्यों में किया जाता है. बड़े गड्ढों में जमा जल का उपयोग सिंचाई के लिए किया जाता है.

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