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शराब-ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले 96 हजार से अधिक परिवारों की गरीबी हुई दूर, सरकार की इस योजना से सुधरी स्थिति

Patna News: बिहार में शराब और ताड़ी बंद होने के बाद इन व्यवसायों में जुड़े परिवारों की आजीविका बाधित हो गयी थी. सरकार की ओर से रोजगार के लिए इन्हें ऋण दिया गया, जिससे शराब-ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले 96 हजार से अधिक परिवारों की गरीबी दूर गयीी है.

मनोज कुमार/ Patna News. शराब व ताड़ी का धंधा छोड़ने वाले वाले राज्य के 96693 परिवारों की अत्यंत निर्धनता दूर हो गयी है. राज्य सरकार की सतत् जीविकोपार्जन योजना से इन परिवारों की आर्थिक तरक्की हुई है. कटिहार, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, सहरसा, दरभंगा, गया, मधेपुरा, नालंदा, समस्तीपुर, पूर्वी चंपारण में सबसे अधिक परिवार निर्धनता से बाहर आये हैं. इनमें एससी-एसटी व अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लाभुक सबसे अधिक हैं. ग्रामीण विकास विभाग के अनुसार, राज्यभर में इस योजना के कुल 2 लाख 1 हजार 218 लाभार्थी हैं. इनमें 1 लाख 83 हजार 084 ग्रामीण और 18 हजार 134 शहरी लाभार्थी हो गये हैं.

ऋण के पैसे से सुधारी अपनी स्थिति

बिहार में शराब और ताड़ी बंद होने के बाद इन व्यवसायों में जुड़े परिवारों की आजीविका बाधित हो गयी थी. सरकार की ओर से रोजगार के लिए इन्हें ऋण दिया गया. ऋण के पैसे से इन परिवार के सदस्यों ने किराना, शृंगार की दुकानें खोलीं. मवेशी व मुर्गीपालन किया. आटा व चक्की मिल चलायी. इससे उनकी तत्काल प्रभावित आजीविका पटरी पर आयी.

2027 के लिए योजना विस्तारित, 30 अरब होंगे खर्च

वर्ष 2018-19 में तीन वर्षों के लिए योजना लागू की गयी थी. अब इस साल इस योजना को 2024-27 तक के लिए विस्तारित कर दी गयी है. इस योजना पर कुल 30 अरब 32 करोड़ रुपये की स्वीकृति मिली है. सरकार की ओर से वर्षवार खर्च के लिए राशि आवंटित की जा रही है.

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रोजगार के लिए अब दो लाख रुपये मिलेंगे

इस योजना के तहत चिह्नित परिवारों को अब रोजगार के लिए दो लाख रुपये मिलेंगे. पहले ये राशि एक लाख रुपये ही थी. वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस योजना के लिए 50 करोड़ रुपये स्वीकृत किये गये हैं. इस राशि की निकासी और व्यय की भी स्वीकृति दे दी गयी है.

जिला – इतने परिवार गरीबी से बाहर निकले

अररिया2252
अरवल 1343
औरंगाबाद2045
बांका1788
बेगूसराय2960
भागलपुर 2377
भोजपुर2200
बक्सर 2022
दरभंगा 4005
गया 3955
गोपालगंज 2082
जमुई 1168
जहानाबाद 2043
कैमूर 1809
कटिहार 5146
किशनगंज 1343
लखीसराय 1081
मधेपुरा 2473
मधुबनी 5674
मुंगेर 2148
मुजफ्फरपुर 4644
नालंदा 2534
नवादा 2315
पश्चिम चंपारण 1772
पटना 2453
पूर्वी चंपारण 2746
पूर्णिया 2723
रोहतास 2034
सहरसा 4833
समस्तीपुर 3046
सारण 2530
शेखपुरा 846
शिवहर 1394
सीतामढ़ी 2701
सीवान 2022
सुपौल 3338
वैशाली 3009
Radheshyam Kushwaha
Radheshyam Kushwaha
पत्रकारिता की क्षेत्र में 12 साल का अनुभव है. इस सफर की शुरुआत राज एक्सप्रेस न्यूज पेपर भोपाल से की. यहां से आगे बढ़ते हुए समय जगत, राजस्थान पत्रिका, हिंदुस्तान न्यूज पेपर के बाद वर्तमान में प्रभात खबर के डिजिटल विभाग में बिहार डेस्क पर कार्यरत है. लगातार कुछ अलग और बेहतर करने के साथ हर दिन कुछ न कुछ सीखने की कोशिश करते है. धर्म, राजनीति, अपराध और पॉजिटिव खबरों को पढ़ते लिखते रहते है.

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