सुबोध कुमार नंदन/ Patna News: इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आइजीआइएमएस) में 12:30 बजे ओपीडी में रजिस्ट्रेशन के लिए तीन सौ से अधिक परिजन अपने मरीज को ओपीडी में दिखाने के लिए रजिस्ट्रेशन काउंटर के सामने लाइन में लगे थे. इससे अधिक लोग हॉल में लगे कुर्सी पर विराजमान थे. वहीं सौ से अधिक मरीज जमीन पर बैठे और लेटे अपनी बारी इंतजार कर रहे थे. दरभंगा से आये राकेश सिंह ने बताया कि जो लोग हॉल में सुबह से बैठे है वह अभी तक बैठे. आग्रह करने पर भी वह हटने को तैयार नहीं है. वहीं, हाजीपुर से आये रामचंद्र यादव ने बताया कि हॉल में जगह नहीं मिलने के कारण वे बाहर बैठने को मजबूर है. मरीज को हॉल में बैठाकर आये हैं. ओपीडी के मुख्य प्रवेश द्वार पर तैनात गार्ड दूर-दराज से आये मरीजों को सवाल का जवाब काफी शालीनता से दे रहे थे. दूसरी तरफ कैंसर विभाग में लगी कई कुर्सियां टूटी थी. इसके बावजूद लोग इस पर कुर्सी पर बैठे दिखे. आरा से आये मोहम्मद सलीम खान ने बताया कि क्या करें कहीं तो बैठना ही है.
पीने के पानी की भी परेशानी
कई परिजन अपने मरीज को पंखा झेलने को मजबूर थे. वहीं पीने के पानी के लिए परिजन इधर -उधर भटक रहे थे. अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी विभागों में प्रतिदिन सैकड़ों मरीज इलाज के लिए आते हैं, लेकिन बैठने के लिए सीमित संसाधनों के कारण उन्हें घंटों तक खड़े रहना पड़ता है. इतना ही नहीं काफी संख्या में मरीजों और परिजनों को बाहर इधर-उधर बैठने को मजबूर है.
प्रतिदिन 500 से अधिक मरीज
मिली जानकारी के अनुसार आइजीआइएमएस की ओपीडी में हर दिन 500 से अधिक मरीज आते हैं. सूबे के विभिन्न जिलों से आते हैं. जबकि इमरजेंसी में लगभग 40 नये मरीजों की भर्ती होती है. आइजीआइएमएस की इमरजेंसी में लगभग 90 बेड हैं, जिससे गंभीर मरीजों को भर्ती करने में कठिनाई होती है. कई बार मरीजों को बिना इलाज के ही दूसरे अस्पतालों में रेफर करना पड़ता है.
बढ़ रही है सुविधा
सरकार ने अस्पताल की सुविधाओं को बढ़ाने के लिए कदम उठाए हैं. हाल ही में 500 बेड के नये अस्पताल भवन का उद्घाटन किया गया है, जिसमें 100 बेड की इमरजेंसी वार्ड और 50 बेड का आयुष्मान वार्ड शामिल है. इसके अलावा, ऑपरेशन थिएटर के बाहर 500 लोगों के बैठने की क्षमता वाला वेटिंग एरिया भी बनाया गया है. वहीं प्रशासनिक भवन में प्रवेश करते हुए क्या मैं आपकी सहायता कर सकता हूं. काउंटर पर 12:40 मिनट पर कोई ड्यूटी पर तैनात नहीं था. यहां तैनात गार्ड ने बताया कि पता नहीं? जबकि मुख्य गेट पर तैनात गार्ड मुस्तैद दिखे. आइजीआइएमएस परिसर में बने बस पड़ाव में तो बस नहीं दिखे. बल्कि उसके जगह चार पहिया वाहन खड़ी दिखी.
नहीं मिला जवाब
इस संबंध में जब आइजीआइएमएस के चिकित्सा अधीक्षक मनीष मंडल से कई बार संपर्क किया गया, लेकिन संपर्क नहीं हो सका.
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