हाइलाइट्स
Patna News: शहर को जाम, अव्यवस्था और अराजकता से निजात दिलाने के लिए 1 सितंबर से पटना नगर निगम एक बार फिर अतिक्रमण विरोधी अभियान शुरू करने जा रहा है. 27 सितंबर तक चलने वाले इस विशेष अभियान को सफल बनाने के लिए प्रशासन ने मल्टी-एजेंसी टीम गठित की है.
शहर के प्रमुख इलाकों और धार्मिक स्थलों से लेकर बड़े अस्पतालों और मुख्य मार्गों तक को अतिक्रमण से मुक्त रखने पर जोर दिया जा रहा है.
दूसरे चरण का अतिक्रमण हटाओ अभियान
पटना शहर की बढ़ती आबादी और यातायात की अव्यवस्था के बीच अतिक्रमण एक बड़ी चुनौती बन चुका है. दुकानदारों द्वारा सड़क और फुटपाथ पर कब्ज़ा, ठेला-फेरी वालों का अनियंत्रित ढंग से जमावड़ा और निर्माण सामग्री का सड़क पर ढेर लग जाना आम जनजीवन के लिए परेशानी का सबब बन गया है. इस समस्या से निपटने के लिए नगर निगम ने सितंबर माह में एक बार फिर व्यापक स्तर पर अभियान चलाने का निर्णय लिया है.
आयुक्त, पटना प्रमंडल डॉ. चन्द्रशेखर सिंह के निर्देश पर जिला प्रशासन और पुलिस ने संयुक्त रूप से नौ टीमों का गठन किया है. डीएम पटना डॉ. त्यागराजन एसए और एसएसपी कार्तिकेय शर्मा की देखरेख में यह विशेष अभियान शहर के छह अंचलों—नूतन राजधानी, पाटलिपुत्र, कंकड़बाग, बांकीपुर, अजीमाबाद और पटना सिटी—के साथ-साथ नगर परिषद खगौल, फुलवारीशरीफ और दानापुर निजामत में चलाया जाएगा. यह कदम इसलिए भी महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि हाल के महीनों में अतिक्रमण हटाने के बावजूद कई स्थानों पर फिर से अवैध कब्जे की स्थिति सामने आई है.
नो-वेंडिंग जोन पर खास नजर
अभियान की विशेषता यह है कि इस बार अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि किसी भी कीमत पर नो-वेंडिंग जोन को पूरी तरह अतिक्रमण मुक्त रखा जाए. थानाध्यक्षों को यह आदेश दिया गया है कि हर कार्रवाई का विवरण स्टेशन डायरी में दर्ज करें और पूरी प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी अनिवार्य रूप से कराई जाए. जो लोग दोबारा अतिक्रमण करते पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी धाराओं में प्राथमिकी दर्ज होगी.
प्रशासन ने इस अभियान के लिए विस्तृत रोस्टर जारी किया है जिसमें पूरे सितंबर माह के दौरान किन-किन इलाकों से अतिक्रमण हटेगा, यह तय कर दिया गया है. इसमें शहर के वे सभी प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं जहां रोजाना लाखों लोग आते-जाते हैं और जहां जाम व अव्यवस्था सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है.
मुख्य मार्गों पर भी सख्ती
धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व वाले स्थलों को भी विशेष रूप से इस सूची में रखा गया है. हरमंदिर साहिब, गुरुद्वारा, बाललीला, कंगनघाट, गुरु के बाग, मोर्चा रोड और मारूफगंज मोड़ से दीदारगंज थाना तक के इलाकों को अतिक्रमण मुक्त करना प्राथमिकता होगी. इसके अलावा अशोक राजपथ, नेहरू पथ, बोरिंग रोड, कारगिल चौक, गांधी मैदान, राजेंद्र नगर टर्मिनल और जेपी गंगा पथ जैसे मुख्य मार्गों पर भी खास ध्यान दिया जाएगा.
शहर के बड़े अस्पतालों—आईजीआईएमएस, पीएमसीएच, एनएमसीएच और एम्स—के आसपास किसी भी प्रकार का अतिक्रमण न होने देने का सख्त निर्देश जारी हुआ है. प्रशासन का मानना है कि इन जगहों पर अवैध कब्जे से न सिर्फ मरीजों और एंबुलेंस की आवाजाही प्रभावित होती है बल्कि आपात स्थिति में गंभीर खतरा भी पैदा हो सकता है.
अभियान के दौरान पुलिस और नगर निगम की टीमों को किसी भी तरह की बाधा बर्दाश्त न करने का आदेश दिया गया है. अगर किसी ने अभियान को प्रभावित करने या बाधित करने की कोशिश की, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई होगी.
जनता की सुविधा को प्राथमिकता
आयुक्त ने साफ कहा है कि यह अभियान आम जनता की सुविधा और सुरक्षा के लिए जरूरी है. अतिक्रमण हटाने से सड़कें चौड़ी होंगी, यातायात सुगम होगा और शहर की सुंदरता भी बढ़ेगी. उन्होंने यह भी चेतावनी दी है कि किसी भी हालत में पुनः अतिक्रमण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
यह कदम प्रशासन की उस मंशा को भी स्पष्ट करता है जिसमें पटना को व्यवस्थित और स्मार्ट सिटी के अनुरूप बनाने का लक्ष्य रखा गया है. अगर अभियान सफल होता है तो न केवल ट्रैफिक जाम की समस्या में कमी आएगी बल्कि पैदल चलने वालों और स्थानीय निवासियों के लिए भी बड़ी राहत साबित होगी.
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