संवाददाता, पटनाराज्य भर में हर घर नल का जल योजना की क्रियाशीलता , सेवा की गुणवत्ता एवं लाभार्थियों का योजना के प्रति संतुष्टि के स्तर का आकलन करने के लिए अप्रैल में डेवलपमेंट मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, बिहार द्वारा अध्ययन कराया गया. यह अध्ययन मुजफ्फरपुर एवं गया के 55 वार्डों में 1124 से अधिक परिवारों के साक्षात्कार एवं पंप ऑपरेटरों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर किया गया. जिसमें यह स्पष्ट हुआ कि ग्रामीण क्षेत्रों में योजना की पहुंच और प्रभाव में सुधार हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक 94 प्रतिशत से अधिक परिवारों के पास नल का कनेक्शन है, जबकि 93.80 प्रतिशत परिवारों को प्रतिदिन 70 लीटर प्रति व्यक्ति प्रति दिन या उससे अधिक की जलापूर्ति प्राप्त हो रही है. 92.73 प्रतिशत परिवारों को प्रतिदिन कम-से-कम छह घंटे जलापूर्ति हो रही है.95.12 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि उन्हें पिछले एक माह में 25 से 30 दिनों तक नियमित जलापूर्ति हुई.
99.53 प्रतिशत परिवारों ने स्पष्ट एवं पारदर्शी पानी मिल रहा है
रिपोर्ट के मुताबिक जल की स्वच्छता को लेकर 99.53 प्रतिशत परिवारों ने स्पष्ट एवं पारदर्शी जल प्राप्त होने की पुष्टि की, वहीं 95.40 प्रतिशत ने जल की मात्रा, 95.02 प्रतिशत ने नियमितता, तथा 96.71 प्रतिशत परिवारों ने जल की गुणवत्ता से संतुष्टि व्यक्त की. वहीं, गभग 95 प्रतिशत लाभार्थियों ने योजना के संचालन एवं अनुरक्षण व्यवस्था से संतोष जाहिर किया है. इसी प्रकार पंप ऑपरेटरों से प्राप्त सूचनाओं के अनुसार, योजनाओं का औसत कवरेज 92 प्रतिशत रहा तथा 95 प्रतिशत से अधिक योजनाएं प्रतिदिन प्रति व्यक्ति प्रति दिन 55-70 लीटर या उससे अधिक जलापूर्ति कर रही हैं. 92 प्रतिशत से अधिक योजनाओं में प्रतिदिन छह घंटे अथवा उससे अधिक समय की जलापूर्ति हो रही है एवं 80 प्रतिशत योजनाओं में ओवरहेड टैंक की वर्ष में कम-से-कम दो बार सफाई की जा रही है.2024 की तुलना में हुआ है काफी सुधार
विभाग के मुताबिक एक अध्ययन जनवरी 2024 में भी कराया गया था. पिछले अध्ययन की तुलना इस बार से करें, तो हर पहलू में सुधार देखने को मिला है. उस वक्त मात्र 79 प्रतिशत परिवारों के पास ही नल कनेक्शन पाया गया था, जबकि आज यह आंकड़ा 94 प्रतिशत से अधिक तक पहुंच गया है. उसी अध्ययन में सिर्फ 45.88 प्रतिशत परिवारों को प्रतिदिन छह घंटे या उससे अधिक समय की जलापूर्ति प्राप्त होने की बात सामने आई थी, जो अब बढ़कर 92.73 प्रतिशत तक पहुंच गई है.
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