संवाददाता, पटना अब चांदी के आभूषण खरीदते समय उपभोक्ताओं को शुद्धता की गारंटी आसानी से मिलेगी. एक सितंबर से बिहार सहित पूरे देश में चांदी की वस्तुओं और आभूषणों के लिए हॉलमार्किंग यूनिक आइडी (एचयूआइडी) आधारित नई प्रणाली लागू कर दी गयी है. भारतीय मानक ब्यूरो (बीआइएस) ने इसे स्वैच्छिक आधार पर शुरू किया है, जिससे बिहार समेत पूरे देश के खरीदारों को असली और नकली की पहचान करने में सहूलियत होगी. बीआइएस ने पहले 2005 में चांदी के आभूषणों पर हॉलमार्किंग की शुरुआत की थी. लेकिन अब आइएस 2112:2025 मानक लागू कर पुराने नियमों को बदला गया है. इस संशोधित प्रणाली में उपभोक्ता बीआइएस केयर ऐप के जरिये आभूषण की शुद्धता ग्रेड, एचयूआइडी कोड, जौहरी का पंजीकरण नंबर और परख केंद्र की जानकारी देख सकेंगे. इससे सोने की तरह चांदी की हॉलमार्किंग भी डिजिटल और पारदर्शी हो जायेगी. नये मानक के तहत अब सात शुद्धता ग्रेड (800, 835, 925, 958, 970, 990 और 999) तय किये गये हैं. खास बात यह है कि 958 और 999 ग्रेड पहली बार शामिल किये गये हैं, जिससे ग्राहकों को अधिक विकल्प और शुद्धता की गारंटी मिलेगी. पहले की व्यवस्था में केवल छह ग्रेड ही उपलब्ध थे. बिहार में भी पटना समेत कई जिलों में हॉलमार्किंग केंद्र मौजूद हैं, जहां से उपभोक्ता और ज्वैलर्स इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे. इस पहल से उपभोक्ताओं को नकली या कम शुद्धता वाली चांदी से बचाव मिलेगा.
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