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अब यूनिवर्सिटी खोलने के लिए 20 एकड़ जमीन जरूरी, 40 फीसदी हिस्सा खुला रखने का निर्देश

यूजीसी की उच्चस्तरीय समिति ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए पहली बार भूमि की जरूरत से जुड़े दिशा-निर्देश को जारी किया है.

संवाददाता, पटना

यूजीसी की उच्चस्तरीय समिति ने विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए पहली बार भूमि की जरूरत से जुड़े दिशा-निर्देश को जारी किया है. समिति ने विश्वविद्यालय के लिए जरूरी भूमि सीमा घटा दी है. विश्वविद्यालय के लिए अब 20 एकड़ जमीन आवश्यक होगी. एक विद्यार्थी को 30 वर्ग मीटर जगह मिलेगी. पहले इस तरह के संस्थानों की स्थापना के लिए न्यूनतम 40-60 एकड़ भूमि की आवश्यकता होती थी. केंद्रीय विश्वविद्यालय के लिए 500 एकड़ भूमि जरूरी थी. राज्यों की अलग-अलग नीतियां हैं. अब वे भी इन नियमों को अपना सकते हैं. नये विश्वविद्यालय के लिए 20 एकड़ जमीन में से 40 फीसदी हिस्सा खुला रहेगा. जमीन फ्री होल्ड या न्यूनतम 30 साल के लिए लीज पर होनी चाहिए. महानगरों व पहाड़ी राज्यों में 10 एकड़ जमीन होनी चाहिए. ओपन विश्वविद्यालय व विवि के ऑफ कैंपस के लिए पांच एकड़ की ही जरूरत होगी. यूजीसी अध्यक्ष प्रो एम जगदीश कुमार ने बताया कि यूनिवर्सिटियों में पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों की शारीरिक व मानसिक सेहत का भी ध्यान रखा जायेगा. सभी उच्च शिक्षण संस्थानों में ओपन एरिया रखना होगा, जहां हरियाली, घूमने-बैठने की जगह, योग केंद्र व जिम बनेंगे. 20 एकड़ जमीन में से 40 फीसदी हिस्सा खुला रहेगा. महानगरों व पहाड़ी राज्यों के लिए 10 एकड़ में से तीन एकड़ पर हरियाली रहेगी.

सभी संस्थानों में 2040 तक मल्टीडिसिप्लनरी की होगी पढ़ाई

देश के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2040 तक मल्टीडिसिप्लनरी यानी बहुविषयक संस्थान में बदल दिया जायेगा. दूरदराज के क्षेत्रों में विद्यार्थियों को घर बैठे गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा देने के लिए 2035 तक हर जिले में कम से कम एक बहुविषयक संस्थान होगा. राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनइपी) में 2035 तक सकल नामांकन अनुपात 50 फीसदी करने का लक्ष्य रखा गया है.

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Prabhat Khabar News Desk
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