Nitish Cabinet: नई सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को दूसरी कैबिनेट हुई. ये बैठक कई मायनों में खास रही. इस बैठक कई बड़े फैसले लिए गए. जिनमें सरकार ने कुल 19 प्रस्तावों मंजूर किया. बैठक की खास बात ये रही कि इस दौरान तीन नए विभागों के गठन को मंजूरी दे दी गई और तीन विभागों के नाम बदले गए.
इन क्षेत्रों में रोजगार सृजन की संभावना को बनाए गए नए विभाग
नीतीश कैबिनेट ने रोजगार पर फोकस, तीन नए विभाग बनाए गए हैं. ताकि इन विभागों के तहत अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देने की व्यवस्था की जा सके. इन विभागों में युवा, रोजगार एवं कौशल विकास विभाग बनाया गया है. जो अपने नाम के अनुसार ही काम करेगा.
दूसरा विभाग उच्च शिक्षा के स्तर को और गुणवत्तापूर्ण बनाने के लिए बनाया गया है. इस विभाग का नाम ‘उच्च शिक्षा विभाग’ रखा गया है. ताकि उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाया जा सके.
तीसरा विभाग राज्य में सिविल विमानन को ध्यान में रखते तैयार करने की मंजूरी मिली है. यह विभाग प्रदेश की विभानन क्षेत्र की संभावनाओं को विस्तार देगा. इस विभाग का नाम ‘सिविल विमानन विभाग’ रखा गया है.
इन तीन विभागों के नाम बदले
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि कैबिनेट ने तीन विभागों के नाम बदलने की भी मंजूरी मिल गई है. नई संरचना संरचना के अुनसार पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग को डेयरी मत्स्य एवं पशु संसाधन विभाग कर दिया गया है.
श्रम संसाधन विभाग का भी नाम बदल कर श्रम संसाधन एवं प्रवासी श्रमिक कल्याण विभाग नाम दिया गया है. ताकि इसमें प्रवासी श्रमिकों के कल्याण की योजना भी शामिल की जाए और उनके लिए भी सरकार इसी विभाग के तहत योजनाओं का निर्माण कर सके.
इसके अलावा एक और महत्वपूर्ण विभाग का नाम बदला गया है. यह विभाग अब तक कला संस्कृति एवं युवा विभाग के नाम से जाना जाता था. अब इस विभाग से युवा को अलग कर दिया गया है. यह विभाग अब कला एवं संस्कृति विभाग के नाम से जाना जाएगा.
ये है सरकार का उद्देश्य
विधानसभा चुनाव के दौरान युवाओं को रोजगार देने के वादे को आगे बढ़ाते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट में जो फैसले लिए गए हैं वो रोजगार और प्रशासनिक कामकाज को ध्यान में रख कर लिए गए हैं. तीन नए विभागों के गठन को स्वीकृति कामकाज को और रफ्तार देगी.
नाम परिवर्तन के पीछे सरकार की सोच ये है कि हर विभाग अपने कार्यक्षेत्र के अनुसार पहचाने जाएं. ताकि कार्य में अधिक स्पष्टता रहे. इससे कामकाज में विशेषज्ञता भी बढ़ेगी और अधिकारियों पर बोझ भी कम होगा.
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