Bihar Cabinet: बिहारवासियों के लिए मंगलवार का दिन बड़ी खुशखबरी लेकर आया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में राज्य को एक साथ सात नए सरकारी मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों की सौगात मिली है. किशनगंज, कटिहार, रोहतास, शिवहर, लखीसराय, अरवल और शेखपुरा जिलों में अब मेडिकल कॉलेज और अत्याधुनिक अस्पताल बनेंगे.
लोगों को अपने जिले में ही मिलेगी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा
बिहार में लंबे समय से स्वास्थ्य सेवाओं की कमी और डॉक्टरों की भारी कमी लोगों के लिए गंभीर चिंता का विषय रही है. अक्सर मरीजों को इलाज के लिए पटना या बड़े शहरों की ओर भागना पड़ता था. सरकार के इस फैसले से न केवल हजारों छात्रों को डॉक्टर बनने का अवसर मिलेगा बल्कि आम लोगों को अपने ही जिले या नजदीकी इलाके में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा भी उपलब्ध हो सकेगी.
सभी रोगों के स्पेशलिस्ट डॉक्टर होंगे तैनात
नए कॉलेज और अस्पतालों में आधुनिक तकनीक से लैस उपकरण और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात होगी. ग्रामीण और छोटे शहरों के मरीजों के लिए यह बदलाव बेहद कारगर साबित होगा. गंभीर बीमारियों का इलाज अब जिले में ही संभव होगा, जिससे मरीजों और उनके परिजनों का समय, पैसा और परेशानी तीनों कम होंगे.
पहले से इन जिलों में हैं मेडिकल कॉलेज
फिलहाल बिहार में पटना (एनएमसीएच, पीएमसीएच, एम्स) के अलावा दरभंगा, भागलपुर, गया, मुजफ्फरपुर, बेतिया, सहरसा और मधुबनी जैसे जिलों में मेडिकल कॉलेज और अस्पताल मौजूद हैं. पिछले कुछ वर्षों में सीवान, समस्तीपुर, छपरा, पूर्णिया, गोपालगंज और जमुई में भी नए मेडिकल कॉलेज स्थापित किए गए हैं. अब सात और कॉलेजों की मंजूरी के साथ राज्य में मेडिकल शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का नेटवर्क और मजबूत होगा.
बिहार के लिए मील का पत्थर साबित हो सकती है यह पहल
करीब 13 करोड़ की आबादी वाले बिहार में अब तक मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों की संख्या बेहद सीमित रही है. ऐसे में यह कदम न केवल स्वास्थ्य सेवाओं की दिशा में बड़ा बदलाव है, बल्कि आने वाले समय में यह राज्य के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है. नीतीश सरकार को उम्मीद है कि इस फैसले से डॉक्टरों की कमी काफी हद तक पूरी होगी और बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था नई ऊंचाई पर पहुंचेगी.
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