विशेष निगरानी न्यायालय का फैसला आदेश, 15 दिन में पटना के डीएम को संपत्ति सुपुर्द नहीं की तो प्रशासन खुद करेगा जब्ती की कार्यवाही संवाददाता, पटना बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी विभाग को एक और बड़ी सफलता मिली है. विशेष निगरानी न्यायालय ने भागलपुर के तत्कालीन खनन पदाधिकारी (माइंस ऑफिसर) गोपाल साह की 1 करोड़ 40 लाख रुपये मूल्य की अवैध संपत्ति जब्त करने का आदेश दिया है. आदेश में यह भी स्पष्ट किया गया है कि अधिकारी की पत्नी, बेटों और बेटी के नाम पर दर्ज सभी अवैध संपत्तियां भी जब्ती की प्रक्रिया में आएंगी. विशेष लोक अभियोजक (निगरानी) राजेश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि बिहार स्पेशल कोर्ट एक्ट 2009 के सेक्शन 13 के तहत निगरानी अन्वेषण ब्यूरो ने विशेष अदालत में आवेदन दिया था. जांच के दौरान गोपाल सहाय की आय से अधिक संपत्ति होने के प्रमाण मिले. आरोप है कि उन्होंने पत्नी सुशीला देवी, बेटे तथा बेटी के नाम पर अवैध संपत्तियां अर्जित कीं. जब्त की जा रही संपत्तियों में पटना के फुलवारीशरीफ के जानीपुर इलाके में दो प्लॉट, एसके पुरी में एक फ्लैट, रोहतास जिले में दो प्लॉट, विभिन्न बैंकों में जमा राशि, बजाज एलायंस और सहारा इंडिया जैसी वित्तीय संस्थाओं में निवेश शामिल हैं. निगरानी विभाग की जांच में यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी वैध स्रोतों से इन संपत्तियों की प्राप्ति का कोई प्रमाण नहीं दे सके. अदालत में भी पूछने पर गोपाल साह संपत्ति के स्रोत का संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए. विशेष निगरानी न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा है कि गोपाल साह 15 दिनों के भीतर कुल एक करोड़ 40 लाख रुपये मूल्य की संपत्ति जिलाधिकारी को सुपुर्द करें. यदि इस अवधि में संपत्ति सुपुर्द नहीं की जाती, तो जिलाधिकारी उक्त संपत्ति को जब्त करने की कार्रवाई करेंगे.
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