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Patna News : पूर्व गृह सचिव के नाम पर फर्नीचर बेचने का झांसा दे ठगे 1.31 लाख रुपये

पूर्व गृह सचिव जिया लाल आर्य के नाम पर फर्नीचर बेचने का झांसा देकर शातिर ने बुद्धा कॉलोनी में रहने वाले जलद नारायण से 1.31 लाख रुपये ठग लिये़ इस संबंध में उन्होंने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है.

संवाददाता, पटना : पूर्व गृह सचिव जिया लाल आर्य के नाम पर फर्नीचर बेचने का झांसा देकर शातिर ने बुद्धा कॉलोनी में रहने वाले जलद नारायण से 1.31 लाख रुपये ठग लिये़ इस संबंध में उन्होंने साइबर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी है. शातिर ने जिया लाल नाम से फेसबुक आइडी भी बनाया है, जिस पर कई सारी तस्वीरें भी शेयर की हैं. इसी के जरिये सबसे पहले उसने अमेरिका में रह रही डॉ राजकुमारी सिंह को फेसबुक पर मैसेज किया. डॉ राजकुमारी सेवानिवृत प्रोफेसर और शिवपुरी की मूल निवासी हैं, जो इन दिनों अपने बच्चोंं के पास अमेरिका कैलिफोर्निया के सैन फ्रांसिस्को में रह रही हैं. मैसेज देख कर उन्हें लगा उनके मित्र रिटायर्ड आइएएस अधिकारी जिया लाल आर्य ने यह फेसबुक मैसेज किया है कि उनके एक दोस्त संतोष हैं, जो सीआरपीएफ ऑफिसर है. उनका तबादला जम्मू में हो गया. वह अपने घर के फर्नीचर बेच रहे हैं. इसके बाद शातिर ने राजकुमारी सिंह का वाट्सएप नंबर मांगा और उस पर उनसे मैसेज के माध्यम से बात करने लगा. रिटायर्ड आइएएस अधिकारी मित्र समझ कर राजकुमारी भी जवाब देने लगीं. शातिर ने कहा कि फर्नीचर हैं, जो देख लीजिए और अगर लेना है, तो ले सकती हैं. अगर कोई और आपके पहचान में है, तो उसे भी दिखा सकती हैं.

अपने भाई जलद नारायण से फर्नीचर खरीदने के संबंध में बात की

राजकुमारी ने बुद्धा कॉलोनी में रह रहे अपने धर्मभाई जलद नारायण को कॉल कर इसके बारे में बताया. उन्होंने भाई से कहा कि मैं अभी अमेरिका में हूं. फिलहाल तुम फर्नीचर खरीद लो और मैं जब आऊंगी, तो तुम्हें पैसा देकर फर्नीचर ले लूंगी. इसके बाद जलद को संतोष का नंबर दिया. साइबर फ्रॉड संतोष ने जलद से संपर्क कर फर्नीचर दिखाये और कहा कि ट्रक पर लोड हो गया है. पैसे देने होंगे. उन्होंने तीन बार में कुल 1 लाख 31 हजार 500 रुपये दिये. इसके बाद जब फिर से पैसा मांगने लगा, तो जलद ने कहा कि अब तुम फर्नीचर लेकर आओगे, तो पैसा देंगे. इतना सुनते ही साइबर शातिर ने कहा कि मैं साइबर फ्रॉड बोल रहा हूं. तुम ठगे गये हो…कहकर फोन कट कर दिया. इसके बाद मोबाइल स्विच ऑफ कर दिया. इसके बाद यह पूरी जानकारी जलद ने अपनी बहन राजकुमारी को दी. इसके बाद उसने जब फेसबुक आइडी खोला तो देखा कि उसपर कोई और लड़का अपनी कई तस्वीर शेयर किये हुए है. यही नहीं चार दिन बाद भी झारखंड नंबर वाली बाइक की तस्वीर अपलोड किया है. आवेदन देने के बावजूद अब तक एफआइआर दर्ज नहीं होने और उसकी रीसिविंग नहीं मिलने पर भी उन्होंने असंतोष व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इससे अब तक तहकीकात भी शुरू नहीं हो सकी है.

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Prabhat Khabar News Desk
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