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एलपीजी सिलिंडर की सेफ्टी जांच अब फ्री में

सार्वजनिक तेल कंपनियों की गैस एजेंसियों के प्रशिक्षित कर्मचारी एलपीजी सिलिंडर की सेफ्टी की जांच अब फ्री में करेंगे. अभी तक पांच साल के लिए उपभोक्ताओं को 236 रुपये का शुल्क देना पड़ रहा था.

सुबोध कुमार नंदन, पटना: सही रख-रखाव नहीं होने से पटना सहित अन्य शहरों में गैस सिलिंडर फटने व लीकेज होने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं. इसका ताजा घटना पटना जंक्शन स्थित पाल होटल का है. पहले फीस होने से अधिकतर उपभोक्ता सेफ्टी जांच नहीं करवा पाते थे. इसके मद्देनजर सार्वजनिक तेल कंपनियों की गैस एजेंसियों के प्रशिक्षित कर्मचारी एलपीजी सिलिंडर की सेफ्टी की जांच अब फ्री में करेंगे. इसका नाम ‘एलपीजी बेसिक सेफ्टी चेक (बीएससी)’ दिया गया है. अगर आपके यहां गैस एजेंसी के कर्मचारी घर पर आकर सेफ्टी की जांच कर रहे हैं, ताे अवश्य करा लें. अभी तक पांच साल के लिए उपभोक्ताओं को 236 रुपये का शुल्क देना पड़ रहा था, लेकिन अब उपभोक्ताओं को किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना पड़ेगा. इस संबंध में पेट्रोलियम मंत्रालय ने सर्कुलर जारी किया है. इसके बाद यह नया प्रावधान लागू किया गया है. नये प्रावधान के तहत राज्य में सेफ्टी जांच शुरू कर दी गयी है. एजेंसी के प्रशिक्षित प्रतिनिधि सभी के घरों में जाकर चेकलिस्ट के अनुसार आठ बिंदुओं को चेक करके सुनिश्चित करेंगे. पटना जिले में 15.99 लाख से अधिक एलपीजी गैस कनेक्शन हैं. इनमें आइओसी के 9.35 लाख, बीपीसी 4.44 लाख और एचपीसीएल के 2.20 लाख से अधिक उपभोक्ता हैं.

चीफ जेनरल मैनेजर ने किया दौरा

इंडियन ऑयल लिमिटेड के चीफ जेनरल मैनेजर (एलपीजी, बिहार स्टेट ऑफिस) सौरभ चंद्रा ने पटना इंडेन टीम के साथ कमला नेहरू नगर के स्लम बस्ती में दौरा किया और वहां के उपभोक्ताओं को एलपीजी के सुरक्षा मानक

उपयोग के बारे में विस्तार में बताया.

ऑनलाइन करेंगे रिपोर्ट सबमिट : सेफ्टी जांच के लिए कुछ बिंदु तय किये गये हैं. इसी के आधार पर प्रशिक्षित कर्मचारी घर-घर जाकर एलपीजी सिलिंडर की जांच करेंगे. गैस सिलिंडर के रख-रखाव के लिए उपभोक्ता घर में क्या कर रहे हैं, इसकी जांच कर ऑनलाइन रिपोर्ट सबमिट करेंगे. उपभोक्ताओं के मोबाइल में ओटीपी नंबर आयेगा, जिसे मोबाइल एप में सबमिट किया जायेगा. तब सेफ्टी जांच की प्रक्रिया पूरी की जायेगी. पहले ऑनलाइन सिस्टम के बजाय मैन्युअली रिपोर्ट बनाकर भेजते थे.

बीमा का नहीं मिलेगा लाभ

जिन ग्राहकों का होज पाइप (सुरक्षा नली) पांच वर्ष से अधिक पुराना है. उन्हें भी सुरक्षा अभियान के दौरान बदला जायेगा. इस अभियान के दौरान सुरक्षा नली को रियायती दर पर बदला जायेगा. उपभोक्ता खुले बाजार से नली न बदलें, क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है और इसकी अनुमति नहीं है. अगर आप बाहरी बाजार से खरीदे गये होज पाइप का उपयोग करते हैं और उसका विवरण हमारे सिस्टम से मेल नहीं खाता है, तो वे एलपीजी दुर्घटना की स्थिति में किसी भी बीमा कवर के लिए पात्र नहीं हैं. प्रत्येक एलपीजी उपभोक्ता परिवार के बीमा कवर के तहत दो से छह लाख रुपये है. इसलिए, उपभोक्ता अपने समाप्त हो चुके होज पाइप (पांच वर्ष से अधिक पुराने) को अवश्य बदल लें.

कॉमर्शियल सिलिंडर से हुए हादसे पर नहीं मिलता है बीमा का लाभ

अगर आप कॉमर्शियल गैस सिलिंडर से खाना पकाते हैं, तो आपको हादसे में हुई क्षति में बीमा का लाभ नहीं मिलेगा. होटल के किचेन या अन्य कॉमर्शियल जगहों पर किचन में काम करने वाले लोगों के लिए यह सुविधा नहीं है. चाहे हादसे में किसी की मृत्यु क्यों न हो जाये. दरअसल, सार्वजनिक तेल कंपनियों से मिली जानकारी काॅमर्शियल सिलिंडर की सप्लाइ मांग के अनुसार होती है. अधिकारियों ने बताया कि काॅमर्शियल सिलिंडर को लेकर किसी प्रकार का बीमा नहीं होता है. इसलिए काॅमर्शिल सिलिंडर से हुए दुर्घटना के शिकार व्यक्ति काे किसी प्रकार का बीमा का लाभ नहीं मिलता है. बिहार एलपीजी वितरक संघ के महासचिव डाॅ राम नरेश प्रसाद सिन्हा ने बताया कि पटना शहर में हर दिन 600 से अधिक काॅमर्शियल सिलिंडर की सप्लाइ होती है. उन्होंने बताया कि 19 किलो वाले काॅमर्शियल सिलिंडर की सप्लाइ पर कोई प्रतिबंध नहीं है. वैसे होटल के किचेन में मिनी फाेल्ड होना अनिवार्य है. लेकिन छोटे होटल वाले किचेन में मिनी फोल्ड नहीं करवाते हैं. इसके कारण आये दिन हादसे होने की सूचना मिलती है. रसोइ गैस सिलिंडर से खाना बनाते समय किसी तरह का हादसा होता है, ताे ग्राहक को 10 लाख तक बीमा का लाभ मिलता है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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