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बेकार पड़ी सरकारी जमीनों की पहचान कर दिसंबर तक बनेगा लैंड बैंक

राज्य में विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए सरकारी जमीन का लैंड बैंक अगले माह दिसंबर तक तैयार करने की योजना है.

मुख्य सचिव ने सभी डीएम को प्रत्येक राजस्व ग्राम में पांच एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले सरकारी भूमि के खेसरों का सत्यापन करने का दिया है निर्देश संवाददाता, पटना राज्य में विकास और कल्याणकारी कार्यक्रमों के लिए सरकारी जमीन का लैंड बैंक अगले माह दिसंबर तक तैयार करने की योजना है. इसे लेकर अनुपयोगी और खाली पड़ी जमीनों का सर्वेक्षण पिछले साल से राजस्व कर्मचारियों द्वारा अंचलाधिकारियों की देखरेख में चल रहा है. सर्वेक्षण के बाद सभी प्रकार की सरकारी जमीन की सूची विभागीय सॉफ्टवेयर में ऑनलाइन इंट्री करने का निर्देश सभी जिलों को दिया गया है. साथ ही डाटा इंट्री के बाद 30 नवंबर तक सूची के सत्यापन का निर्देश राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के सचिव ने सभी डीएम को दिया है. इसके साथ ही सरकारी जमीनों को लेकर अंचलवार सभी राजस्व ग्रामों की विवरणी तैयार की जाएगी. उसका विवरण विभाग की वेबसाइट पर रखा जायेगा. जिलावार खाली पड़ी हुई सरकारी जमीन का समेकित विवरणी तैयार करने के दौरान जल संसाधन विभाग सहित अन्य विभागों की अनुपयोगी भूमि को भी इसमें शामिल करने के लिए अधिकारियों से कहा गया है. सर्वेक्षण के बाद यह डाटाबेस सभी विभागों के साथ साझा किया जायेगा. मुख्य सचिव ने की थी समीक्षा सूत्रों के अनुसार सभी प्रकार की सरकारी जमीनों के सर्वेक्षण काे लेकर पिछले दिनों मुख्य सचिव ने उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की थी. उन्होंने सभी समाहर्त्ताओं को प्रत्येक राजस्व ग्राम में पांच एकड़ या उससे अधिक क्षेत्रफल वाले सरकारी भूमि के खेसरों का सत्यापन करने का निर्देश दिया. साथ ही उन्होंने जानकारी खेसरा के रकबे के उपयोग की जानकारी जुटाने के लिए कहा है.

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