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अति पिछड़ा का हक छीन कर पिछड़ा को देना चाहते थे लालू, मैने उसी समय विरोध किया था: नीतीश कुमार

अति पिछड़ा का हक छीन कर पिछड़ा को देना चाहते थे लालू, मैने उसी समय विरोध किया था: नीतीश कुमार

राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार के जवाब में विधानमंडल में बोले मुख्यमंत्री

संवाददाता,पटना

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को विधानमंडल में कहा कि 1994 में जब तत्कालीन मुख्यमंत्री लालू प्रसाद अति पिछड़ों को अलग से देय आरक्षण की सुविधा खत्म कर अति पिछड़ा और पिछड़ा वर्ग को एक करना चाह रहे थे तो हमने विरोध किया. उसी सम हम उनसे अलग हो गये. राज्यपाल के अभिभाषण पर सरकार की ओर से जवाब दे रहे मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की नीतियों की चर्चा की. नौकरी और स्वरोजगार के वायदों को पूरा करने की बात कही. वहीं दोनों ही सदनों में राजद पर हमलावर रहे.

विधानसभा में विरोधी दल के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव की टोकाटोकी को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री कहा-तुम्हारे पिता को मुख्यमंत्री हम ही बनाये थे.तुम्हारे जाति के लोग भी मुझसे पूछ रहे थे कि मैं ऐसा क्यों कर रहा हूं, मैंने फिर भी उनका समर्थन किया.लेकिन, बाद में जब गड़बड़ करने लगे तो अलग हो गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि लालू प्रसाद आरक्षण के कर्पूरी फॉर्मूले को खत्म करना चाह रहे थे.अति पिछड़ा को खत्म कर सिर्फ पिछड़ा वर्ग करना चाह रहे थे.हमने उसी समय विरोध किया.उसके बाद 1994 में हम अलग हो गए. मुख्यमंत्री के जवाब के दौरान राजद के सदन से वॉकआउट कर गये. इस पर मुख्यमंत्री ने चुटकी लेते हु कहा- भाग गये, अगला चुुनाव होगा तो कुछ नहीं मिलेगा, हमलोग (जदयू-भाजपा) साथ थे, आगे भी रहेंगे.

अपने 42 मिनट के अपने भाषण में मुख्यमंत्री ने विकास के अपने कामों गिनाते हुए कहा- 2020 से अब तक 9.35 लाख को सरकारी नौकरी और 24 लाख को रोजगार दिये. चुनाव के पहले 12 लाख सरकारी नौकरी और 34 लाख रोजगार यानी कुल 50 लाख को नौकरी-रोजगार दे देंगे. उन्होंने कहा कि नवंबर 2005 में जब नई सरकार बनी तो बड़े पैमाने पर शिक्षकों की बहाली की गयी. 2022 में 3.68 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गयी. इसके बाद दो चरणों में 2.17 लाख सरकारी शिक्षकों की बहाली की जा चुकी है. 2.53 लाख नियोजित शिक्षक भी परीक्षा पास कर सरकारी शिक्षक बन चुके हैं. विपक्ष के वॉकआऊट के बीच मुख्यमंत्री ने सदन से राज्यपाल के कृतज्ञता से संबंधित प्रस्ताव ध्वनिमत से पास करने का आग्रह किया और सदन ध्वनिमत से इसे पास कर दिया.

पीएचसी में आज प्रति महीना 11 हजार लोग इलाज के लिए आते

मुख्यमंत्री ने सवालिया लहजे में कहा कि 2005 से पहले बिहार में कुछ नहीं था. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल बहुत कम थे.एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महीने में औसतन 29 लोग इलाज के लिए आते थे.मेरे कार्यकाल में डॉक्टर और दवाई उपलब्ध होने लगे तो उनकी संख्या आज बढ़कर 11 हजार हो गई है.राज्य में छह मेडिकल कॉलेज अस्पताल थे जो अब बढ़कर 12 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हो गया है.बहुत जल्द इनकी संख्या बढ़कर 14 हो जाएगी. उन्होंने कहा कि पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल देश का सबसे बड़ा अस्पताल होगा.यहां बेडों की संख्या 5400 हो जाएगी.वहीं,आइजीआइएमएस का भी विस्तार किया जा रहा है,वहां भी बेडों की संख्या 3000 हो जाएगी.

सुदूर क्षेत्रों से चार घंटे में पटना पहुंचाने का लक्ष्य

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में बड़ी संख्या में पुल-पुलनियों का निर्माण कराया गया है.राज्य के सुदूर क्षेत्रों से छह घंटे में पटना पहुंचाने का लक्ष्य वर्ष 2016 में ही पूरा कर लिया गया है. अब लक्ष्य चार घंटे का किया गया है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए बड़े पैमाने पर नई सड़क,पुल-पुलिया,आरओबी,एलिवेटेड रोड और बाइपास का निर्माण और पुरानी सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है और जल्द ही इस लक्ष्य को पूरा कर लिया जाएगा.

पंचायत और नगर निकाय में महिला के लिए 50% आरक्षण,सरकारी नौकरी में 35%

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2006 में पंचायत और 2007 में नगर पंचायत में 50% प्रतिशत आरक्षण दिया गया. वहीं, 2013 से पुलिस में महिलाओं के लिए 35% और 2016 सरकारी नौकरी में 35% का आरक्षण दिया जा रहा है.उन्होंने कहा कि राज्य में 10.63 लाख एसएचजी में1.31 करोड़ जीविका की दीदी हैं.मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री की प्रगति यात्रा के दौरान की गई 430 योजनाओं के लिए 50हजार करोड़ की स्वीकृति दी गयी है.

केंद्र से मिल रहा है पूरा सहयोग

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को केंद्र से पूरा सहयोग मिल रहा है.केंद्रीय बजट में बिहार में मखाना बोर्ड की स्थापना, बिहार में नए हवाइ अड्डो का निर्माण, मिथिलांचल में पश्चिम कोसी नहर परियोजनाो लिए आर्थिक सहायता,पटना आइआइटी का विस्तार और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता एवं प्रबंधन संस्थान की स्थापना की घोषणा की गयी है. इससे पहले 23 जुलाई 2024 को केंद्र सरकार के गठन बाद पेश किए गए बजट में बिहार के लिए विशेष आर्थिक मदद की घोषणा की गयी.

तेजस्वी पर मुख्यमंत्री ने कहा आप लोगों ने कोई काम नहीं किया

तेजस्वी द्वारा नौकरी का श्रेय लेने पर मुख्यमंत्री ने कहा- जो काम हुआ है, सब मेरा है,तुम लोगों का इससे कोई मतलब नहीं है, कोई काम नहीं किया है.दोनों बार गड़बड़ किया तो हटा दिए.

विधान परिषद में कहा महिलाओं के लिए राजद ने कुछ नहीं किया. एक ही काम किया कि अपने गये तो पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया. बाकी सभी काम हमारी सरकार ने ही किया.

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