खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने तैयार की रणनीति संवाददाता,पटना बिहार में फोर्टिफाइड राइस एवं अन्य खाद्यान्न की गुणवत्ता की जांच,शोध एवं अनुसंधान के लिए राज्य स्तरीय प्रयोगशाला स्थापित की जायेगी. इस प्रयोगशाला के जरिये राज्य के राशनकार्ड धारकों को दिये जाने वाले अनाज की गुणवत्ता की भी जांच की जा सकेगी. बिहार सरकार ने इसका निर्णय ले लिया है. इस प्रयोगशाला में भारत सरकार की अन्न वितरण की सभी योजना में बांटे जाने वाले अनाज की जांच की जायेगी. यह लैब नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फॉर टेस्टिंग एंड कॉलिब्रेशन लेबोरेट्रीज (एनएबीएलएम) के मानक के आधार पर स्थापित की जायेगी. लैब के लिए लैब टेक्नीिशियन ,कार्यपालक सहायक एवं अन्य कर्मचारियों की नियुक्ति प्रस्तावित की जा रही है. जानकारी के अनुसार बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के भवन में बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ ग्रेन स्टोरेज मैनेजमेंट एंड ट्रेनिंग (बीआइजीएसएमटी ) की स्थापना भी की जानी है. बीआइजीएसएमटी की स्थापना आर ब्लॉक स्थित बहुउद्देशीय भवन पटना में की जानी है. उसके लिए शासी परिषद की संरचना का गठन किया गया है. शासी परिषद के अध्यक्ष खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के प्रधान सचिव होंगे. इसमें बतौर सदस्य बिहार राज्य खाद्य एवं असैनिक आपूर्ति निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, कृषि विभाग के प्रधान सचिव, ग्रामीण विकास विभाग के सचिव, एवं वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव / प्रधान सचिव / सचिव भी सदस्य होंगे. जबकि बिहार खाद्यान्न भंडारण प्रबंधन एवं प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक उसके सदस्य सचिव बनाये गये हैं. इसके लिए निदेशक सहित विभिन्न पदों पर कुल 19 पदाधिकारियों की नियुक्ति की जायेगी.
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