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सर्वार्थ सिद्धि योग में कामदा एकादशी आज

शास्त्रों और पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति साल में आने वाली कुल 24 एकादशी का व्रत रखता है वह धरती पर सांसारिक भोग व सुख प्राप्त करके मृत्यु के बाद उत्तम लोकों के स्थान पाने का अधिकारी बन जाता है. मंगलवार को कामदा एकादशी का व्रत अश्लेषा नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग में मनायी जायेगी.

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– वैष्णव व गृहस्थजन एक साथ करेंगे व्रत संवाददाता, पटना.

शास्त्रों में काम, क्रोध और लोभ इन्हें सभी पापों का मूल जड़ माना गया है. काम पीड़ित होने पर व्यक्ति के अंदर अच्छे बुरे का फर्क करने की क्षमता खत्म हो जाती है. लेकिन मनुष्य का मन हमेशा संयम में रहे ऐसा नहीं है. इससे अनजाने में कई बार पाप हो जाता है. ऐसे ही पापों से मुक्ति के लिए शास्त्रों में चैत्र शुक्ल एकादशी को कामदा एकादशी का व्रत करने का विधान है. शास्त्रों और पुराणों के अनुसार जो व्यक्ति साल में आने वाली कुल 24 एकादशी का व्रत रखता है वह धरती पर सांसारिक भोग व सुख प्राप्त करके मृत्यु के बाद उत्तम लोकों के स्थान पाने का अधिकारी बन जाता है. मंगलवार को कामदा एकादशी का व्रत अश्लेषा नक्षत्र, सर्वार्थ सिद्धि योग के साथ रवियोग में मनायी जायेगी.

आचार्य राकेश झा ने विष्णु पुराण के हवाले से बताया कि कामदा एकादशी व्रत का हिन्दू धर्म में बड़ा महत्व है. कामदा एकादशी व्रत का पालन सच्ची श्रद्धा के साथ करने से सर्व मनोकामना पूर्ति का वरदान मिलता है .आज व्रती सात्विक जीवन, विष्णु सहस्त्र नाम का पाठ, सत्यनारायण पूजा, भागवत पुराण, भजन, जाप आदि कर जगत के पालनहार भगवान श्रीहरि को प्रसन्न करते है.

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कामदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त

एकादशी तिथि: रात्रि 11:03 बजे सेचर-लाभ-अमृत मुहूर्त: सुबह 8:43 से दोपहर 1. 26 बजे तकअभिजित मुहूर्त: दोपहर 11:26 से 12:17 बजे तक

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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