Six Lane Ganga Bridge: कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल पर जल्द ही गाड़ियां फर्राटा भरने वाली है. इसका निर्माण तेजी से पूरा होने वाला है. दरअसल, गंगा पुल, दीदारगंज-अथमलगोल, भद्रघाट-दीदारगंज, पटना घाट क्षेत्र, जेपी गंगा पथ से जुड़े डाउन रैम्प सहित बीएसआरडीसीएल की 10 परियोजनाओं के निर्माण में तेजी के निर्देश दिये गये हैं.
इन प्रोजेक्ट को लेकर भी की गई समीक्षा
इन सभी निर्माणाधीन परियोजनाओं का रविवार को पथ निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पाल ने निरीक्षण किया. इस दौरान बीएसआरडीसीएल के प्रबंध निदेशक शीर्षत कपिल अशोक भी मौजूद रहे. निरीक्षण के दौरान जेपी गंगा पथ समग्र उद्यान, मंदिरी नाला, मीठापुर-महुली, सर्पेटाइन नाला और पाटली पथ कनेक्टिविटी को लेकर समीक्षा की गयी.
सीएम नीतीश ने क्या दिया था आदेश?
इससे पहले सीएम नीतीश कुमार ने भी कच्ची दरगाह-बिदुपुर सिक्स लेन गंगा पुल का निरीक्षण किया था. सीएम नीतीश ने आदेश दिया था कि कच्ची दरगाह-बिदुपुर 6 लेन गंगा पुल परियोजना के पहले फेज के लोकार्पण के बाद पटना से राघोपुर तक की संपर्कता बहाल हो चुकी है. इस परियोजना के निर्माण कार्य का लगातार निरीक्षण करते रहे हैं और इसे जल्द पूरा करने के लिये अधिकारियों को निर्देशित करते रहे हैं.
गंगा ब्रिज के बनने से होगा ये पायदा
इसके साथ ही इस पुल के बनने से कृषि, उद्योग सहित अन्य व्यवसायों का और तेजी से विकास होगा. इमरजेंसी के वक्त इलाज के लिये पटना पहुंचने में मरीजों को भी काफी सुविधा होगी. दरअसल, महात्मा गांधी सेतु पर भी यातायात का भार कम होगा. इसके अलावा उत्तर बिहार और दक्षिण बिहार की सम्पर्कता के लिये लोगों को एक और वैकल्पिक मार्ग मिलेगा.
कनेक्टिविटी होगी और भी आसान
पथ निर्माण विभाग के सचिव ने संबंधित इंजीनियरों को इन परियोजनाओं की प्राथमिकता के आधार पर बिना गुणवत्ता से समझौता किये पूरा करने का निर्देश दिया गया. इन परियोजनाओं के पूरा होने से गंगा पथ और शहर की आंतरिक सड़कों के बीच कनेक्टिविटी और भी आसान होगी. इसी प्रकार बिहार राज्य पुल निर्माण निगम की तरफ से क्रियान्वित करबिगहिया-मीठापुर फ्लाईओवर परियोजना की भी समीक्षा की गयी.
इन योजनाओं को दी जायेगी प्राथमिकता
निरीक्षण के दौरान फ्लाइओवर, सर्विस रोड और ट्रैफिक मूवमेंट की योजना को प्राथमिकता देने के निर्देश दिये गये. निरीक्षण के दौरान निर्माण एजेंसियों को परियोजनाओं की स्वीकृत शेड्यूल के अनुसार काम करने, निर्धारित डिजाइन और तकनीकी मानकों का कड़ाई से पालन करने, कार्यों की प्रगति की नियमित रिपोर्टिंग करने के निर्देश दिये गये. यह भी स्पष्ट किया गया कि निर्माण कार्यों में उच्चतम गुणवत्ता मानकों का पालन अनिवार्य होगा. गुणवत्ता से किसी भी प्रकार का समझौता स्वीकार्य नहीं होगा.

