मुख्य बातें
Birth Certificates: सासाराम. नगर निगम कार्यालय के जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र काउंटर पर अचानक भीड़ जुट गयी है. इनमें कई ऐसे अभिभावक पहुंच रहे हैं, जो अपने बच्चे के नामांकन के लिए जन्म प्रमाणपत्र बनाने की जल्दी में हैं. वहीं, कई इनसे भी ज्यादा बेताब इस काउंटर पर खड़े हैं, जिनको अपना जन्म प्रमाणपत्र बनाना हैं. इनमें ज्यादा की उम्र 50 वर्ष से अधिक है. इनके आवेदन आने की वजह से नगर निगम के इस काउंटर पर कार्य का बोझ बढ़ गया है.
50 से अधिक मामले हुए उजागर
पिछले एक माह में करीब 50 से अधिक जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए 50 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों का आवेदन आया है. इनमें 99 प्रतिशत आवेदन मुस्लिम समुदाय के महिला व पुरुष के हैं. इनका जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए वहां के पार्षद भी जोरशोर से लगे हुए हैं. लेकिन, रजीस्ट्रार इन आवेदनों पर फूंक-फूंक कर कर्रवाई कर रहे हैं. ताकि, कोई भी चूक न हो.
90 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो अनपढ़ हैं
रजिस्ट्रार संजय कुमार ने बताया कि नगर निगम के अलावा करगहर व सासाराम प्रखंड का भी मैं रजिस्ट्रार हूं. नगर निगम में सोमवार और बुधवार को बैठता हूं. निगम में 50 से अधिक आयु वर्ग के लोगों का जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए बड़ी संख्या में आवेदन आये हैं. इनमें भी 90 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जो अनपढ़ खुद को बताये हैं. उनका जन्म भी घर पर हुआ है और साक्ष्य के रूप में उनके पास सरकारी दस्तावेज कुछ भी नहीं है.
कार्य का बोझ बढ़ा
1980 से पहले जन्म लेनेवाले अगर जन्म प्रमाणपत्र बनाने के लिए आते हैं, तो उनसे नियम के अनुसार, अनउपलब्धता प्रमाणपत्र अपने आवेदन के साथ लगाने का निर्देश दिया गया है, जिसका चालान नगर निगम से लोगों को मिल जायेगा. साथ ही उन्होंने कहा कि ऐसे आवेदन आने की वजह से कार्य का बोझ बढ़ गया है. इस वजह से कई जरूरतमंद बच्चों के अभिभावकों के कार्य में भी विलंब हो रहा है.
प्रशिक्षण में डीएम ने दिया है स्पष्ट निर्देश
शनिवार को अर्थ एवं सांख्यिकी निदेशालय व जिला सांख्यिकी कार्यालय की ओर से डीआरडीए सभागार में जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्र के लिए एक प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया था. इस कार्यशाला में डीएम उदिता सिंह ने अपने संबोधन में कहा है कि बिना सभी तथ्यों को जांचे हुए कोई भी प्रमाणपत्र जारी नहीं करें. उन्होंने कहा कि आज के दौर में जन्म की घटनाएं सरकारी अथवा निजी स्वास्थ्य संस्थानों में होती है. इसलिए घर में प्रसव के उपरांत निबंधन के लिए प्राप्त आवेदन पत्रों के निष्पादन से पूर्व गहनता से जांच करें. क्योंकि, जन्म व मृत्यु से संबंधित प्रमाण पत्र का विविध कार्यों में उपयोग आवेदक करते हैं.
उम्र कम कराने का प्रयास
बिहार में बच्चों के उम्र को कम करने के उद्देश्य से वास्तविक जन्म तिथि में एक दो वर्ष कम कर आवेदन निबंधन कार्यालय को उपलब्ध कराया जाता है. ऐसे कुछ आवेदनों का रैंडमली जांच करने व कार्रवाई करने का भी निर्देश सभी को दिया गया है. आवेदन पत्रों के साथ माता के प्रसव अवस्था के दौरान जांच कराये गये चिकित्सीय रिपोर्ट को अनिवार्य रूप से संलग्न करने का निर्देश दिया गया है. किसी भी परिस्थिति में कोई भी फर्जी प्रमाण पत्र निर्गत न हो.
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