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भारत-पाक बॉर्डर पर बिहार के मो. इम्तियाज शहीद, बूढ़ी मां और बीमार पत्नी से छिपायी गयी जानकारी

सीजफायर का उल्लंघन करके पाकिस्तान ने भारत में गोलीबारी की. इस गोलीबारी में बिहार के छपरा निवासी बीएसएफ सब-इंस्पेक्टर शहीद हो गए. उनकी शहादत की सूचना बूढ़ी मां और बीमार पत्नी को नहीं दी गयी है.

भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर पर शनिवार को सहमति बनी. लेकिन कुछ ही देर बाद पाकिस्तान की ओर से गोलीबारी फिर शुरू हो गयी. इस गोलीबारी में बिहार के छपरा के गड़खा थाना क्षेत्र के नारायणपुर गांव निवासी मो. इम्तियाज शहीद हो गए. जो जम्मू से सटी सीमा के बीएसएफ आउटपोस्ट पर तैनात थे. BSF के सब-इंस्पेक्टर मो. इम्तियाज ने अपने साथियों को बचाते हुए जान की कुर्बानी दे दी. उनकी शहादत की सूचना बूढ़ी मां और बीमार पत्नी को नहीं दी गयी है. आज देर शाम तक मो. इम्तियाज का पार्थिव शरीर उनके गांव लाया जाएगा.

साथियों को बचाते हुए बलिदान हुए इम्तियाज

शनिवार को पाकिस्तान ने सीजफायर की घोषणा के महज तीन ही घंटे बाद सीमा पार से गोलीबारी शुरू कर दी. बीएसएफ की तरफ से सूचना जारी की गयी कि मो. इम्तियाज जम्मू से सटी सीमा के BSF आउटपोस्ट पर तैनात थी. पाकिस्तान की तरफ से होने वाली गोलीबारी में उन्होंने अपनी बहादुरी का प्रदर्शन किया और साथियों को बचाते हुए अपने प्राण की आहूति दे दी.

ईद में घर आए थे इम्तियाज

मो. इम्तियाज की शहादत पर उनके ग्रामीणों को बेहद गर्व है. लेकिन वो उन्हें याद करके भावुक भी होते हैं. नारायणपुर के ग्रामीणों ने बताया कि इम्तियाज बेहद नेकदिल इंसान थे. वो काफी मिलनसार थे और एक महीने पहले ही ईद के आसपास ही वो घर आए थे. वो गांव में सुबह-सुबह मॉर्निंग वॉक करके लोगों से मिलते-जुलते थे.

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बूढी मां और बीमार पत्नी को नहीं दी गयी जानकारी

मो. इम्तियाज के शहीद होने की जानकारी उनके बेटे इमरान को दी गयी थी. पिता इम्तियाज की शहादत की सूचना मिलने पर उनका बेटा इमरान तुरंत जम्मू रवाना हो गये. घर पर मो. इम्तियाज की बूढ़ी मां उम्मती बीबी हैं. उनकी पत्नी शहनाज अलीमा का हाल ही में ऑपरेशन हुआ है. रात में मो इम्तियाज के शहीद होने की जानकारी उनकी पत्नी और मां को नहीं दी गयी है.

छोटा भाई भी कर रहा देश की सेवा, पिता का पार्थिव शरीर लाने बेटा गया

इमरान मो. इम्तियाज का बड़ा पुत्र है. जो बायोमेडिकल से इंजीनियरिंग कर पटना पीएमसीएच में जॉब कर रहा है. इसके अलावा छोटे बेटे का नाम इमदाद राजा है. शहीद मो. इम्तियाज अपने पीछे दो बेटियां भी छोड़ गए हैं. मो. इम्तियाज तीन भाई में सबसे बड़े थे. उनसे छोटे भाई मोहम्मद मुस्तफा भी बीएसएफ में तैनात हैं. सबसे छोटे भाई मोहम्मद असलम गांव पर ही रहते हैं. जैसे-जैसे मो. इम्तियाज के शहीद होने की सूचना गांव व सारण जिले में फैल रही है, वहां माहौल गमगीन होता जा रहा है.

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