संवाददाता,पटना राज्य सरकार जल्द प्रदेश को चापाकल फ्री राज्य बनाने जा रही है. भूजल के दोहन से बचाने को लेकर यह कवायद होगी. विधान परिषद में मंगलवार को पीएचइडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि आने वाले समय में हम चापाकल शून्य/फ्री की स्थिति में पहुंचेंगे. शुरुआत चापाकल ””फ्री”” जिले से होगी. उन्होंने सदन को सरकार की मंशा बताते हुए कहा कि केवल सतही जल से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये. भू-जल बचे. सरकार इसमें 2047 विजन पर काम कर रही है. भू-जल समस्या वाले गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए ””मल्टी-विलेज”” योजना लागू की जायेगी. श्री सिंह ने सौरभ कुमार के सवाल पर कहा कि इंदिरा गांधी ह्दय रोग संस्थान में चिकित्सकों की कमी पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं. प्रभारी मंत्री ने शिवहर सदर अस्पताल में महिला चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की बात कही. उन्होंने सदन को बताया कि बिहार में 5098 पदों पर चिकित्सा पदाधिकारी, सामान्य चिकित्सक, दंत चिकित्सक की नियुक्ति होगी. चापाकलों की मरम्मत के लिए विशेष अभियान चलेगा पीएचइडी ने मार्च के महीने में बढ़ी तपिश को देखते हुए जल संकट से निबटने की तैयारी शुरू कर दी है. इसके लिए विभागीय स्तर पर कार्ययोजना बनायी गयी है. मंगलवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सभी क्षेत्रीय कार्यपालक अभियंताओं के साथ बैठक हुई. मंत्री नीरज कुमार सिंह ने गर्मी के मौसम में लोगों तक शुद्ध पानी पहुंचाने और चुनौतियों से निबटने का निर्देश अधिकारियों को दिया. उन्होंने राज्य भर में चापाकलों की मरम्मत एवं रखरखाव के लिए विशेष अभियान चलाया जायेगा. जिन पंचायतों में भूजल स्तर नीचे चला गया है, वहां राइजर पाइप बढ़ाकर चापाकलों को क्रियाशील बनाए रखने की व्यवस्था की जायेगी. साथ ही प्रत्यक जिले में मार्च के दुसरे सप्ताह से मरम्मति दलों को जिला स्तर पर जिला पदाधिकारी के द्वारा हरी झंडी दिखाकर समस्याग्रस्त प्रखंडों, पंचायतों में रवाना करायी जायेगा. मंत्री ने कहा कि 2025-26 के लिये 1520 नये चापाकलों के निर्माण की स्वीकृति दी जा चुकी हैवहीं, चापाकलों के मरम्मति कार्य के लिए भी लक्ष्य निर्धारित कर लिया गया है. मंत्री ने कहा जल गुणवत्ता को लेकर विशेष अभियान चलेगा.
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