संवाददाता, पटना
बिहार विधान परिषद सभागार में शनिवार को उच्च शिक्षा में अतिथि शिक्षकों की भूमिका विषय पर संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में राज्य के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये सैकड़ों अतिथि प्राध्यापकों को संबोधित करते हुए विधान परिषद के सभापति अवधेश नारायण सिंह ने कहा कि विगत छह-सात वर्षों से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने में ये अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं. इनकी नियुक्ति यूजीसी के मापदंडों के अनुसार आरक्षण रोस्टर का ध्यान रखते हुए विश्वविद्यालय चयन समिति द्वारा की गयी है. उच्च शिक्षा को गति देने में इन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है. बिहार सरकार के विकास और रोजगार केंद्रित सरकार से इन अतिथि प्राध्यापकों को आशा है कि उनके न्यायपूर्ण मांग पर विचार करते हुए उनकी सेवा को 65 वर्ष तक के लिए समायोजित करेगी. इस संदर्भ में विधान परिषद की शिक्षा समिति ने सरकार को अनुशंसा पत्र भेजा है. सभापति ने अतिथि प्राध्यापकों को भरोसा दिलाया कि बिहार सरकार राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने वाले अतिथि प्राध्यापकों के हित में जल्द ही सकारात्मक निर्णय लेगी.
मौके पर सभी विश्वविद्यालयों के अतिथि प्राध्यापक प्रतिनिधियों ने कहा कि कल्याणकारी और रोजगार देने वाली सरकार के साथ बिहार के समस्त अतिथि प्राध्यापक खड़े हैं. संवाद कार्यक्रम में बीआर अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय अतिथि प्राध्यापक संघ के अध्यक्ष डॉ ललित किशोर, मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के अध्यक्ष डॉ बच्चा रजक, कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ मुकेश प्रसाद निराला, जेपी विश्वविद्यालय छपरा के अध्यक्ष डॉ हरिमोहन, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा के अध्यक्ष डॉ आदित्य आनंद ने मांगों के समर्थन में अपने विचार व्यक्त किये.
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