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पहली जुलाई के बाद जीएसटी में निबंधन कराने वालों का 5 दिन के अंदर होगा भौतिक सत्यापन : सुशील मोदी

पटना : जीएसटी सप्ताह के मौके पर मुख्य सचिवालय स्थित सभागार से पूरे बिहार के वाणित्य कर अंचलों के पदाधिकारियों व उद्योग-व्यापार से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पहली जुलाई, 2020 के बाद बिहार में जीएसटी के अंतर्गत निबंधन कराने वाले कारोबारियों का 5 दिन के अंदर भौतिक सत्यापन तथा प्रमंडल स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी. 1 जुलाई से पहले निबंधन कराने वालों का भी समय-समय पर अभियान चला कर सत्यापन किया जाएगा. प्रतिदिन लगभग 300 आवेदन निबंधन के लिए प्राप्त हो रहे जिन्हें प्रावधान के अनुसार 3 दिन में निबंधित करना है.

पटना : जीएसटी सप्ताह के मौके पर मुख्य सचिवालय स्थित सभागार से पूरे बिहार के वाणित्य कर अंचलों के पदाधिकारियों व उद्योग-व्यापार से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पहली जुलाई, 2020 के बाद बिहार में जीएसटी के अंतर्गत निबंधन कराने वाले कारोबारियों का 5 दिन के अंदर भौतिक सत्यापन तथा प्रमंडल स्तर पर साप्ताहिक समीक्षा की जाएगी. 1 जुलाई से पहले निबंधन कराने वालों का भी समय-समय पर अभियान चला कर सत्यापन किया जाएगा. प्रतिदिन लगभग 300 आवेदन निबंधन के लिए प्राप्त हो रहे जिन्हें प्रावधान के अनुसार 3 दिन में निबंधित करना है.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि विगत दिनों 5,626 निबंधित कारोबारियों के परिसरों का निरीक्षण किया गया, जिनमें 752 फर्जी पाये गये. इनमें केवल पटना के 160 थे जो मुख्य रूप से आयरन एंड स्टील, कोयला व स्क्रैप आदि के कारोबार के लिए निबंधन कराए थे. लाॅकडाउन के दौरान जब सारे कारोबार ठप्प थे तब भी 55 लोगों ने फर्जी निबंधन करा लिया.

उपमुख्यमंत्री ने कहा, जीएसटी के तहत फर्जी बिल व सर्कुलर ट्रेडिंग के मामले में 2018-19 में 148 करोड़ का अर्थदंड अधिरोपित किया गया. जबकि, 2019-20 में 378 ऐसे मामलों में निरीक्षण के बाद 1075.96 करोड़ की पेनाल्टी लगायी गयी. सर्कुलर ट्रेडिंग के 113 मामलों में 2611.28 करोड़ का ई-वे बिल के जरिए अन्य राज्यों से माल मंगाने की व्यापक जांच करायी जा रही है.

सुशील मोदी ने कहा, छह माह से ज्यादा अवधि से जिन लोगों ने जीएसटी विवरणी दाखिल नहीं की है, वैसे 48,502 करदाताओं को चिन्हित कर उनमें से 37,305 का निबंधन रद्द कर दिया गया है. जबकि, 10 माह से विवरणी दाखिल नहीं करने वाले 17,326 के निबंधन रद्द करने की कार्रवाई की जा रही है.

उन्होंने कहा कि कोरोना काल में पहली जुलाई 2017 से 31 जनवरी, 2020 तक विवरणी दाखिल नहीं करने वाले को बड़ी राहत दी गयी है. ऐसे करदाता यदि 30 सितम्बर, 2020 तक विवरणी दाखिल कर देते हैं तो शून्य करदेयता वालों का विलम्ब शुल्क माफ कर दिया जाएगा व अन्य को प्रति विवरणी 10 हजार विलंब शुल्क की जगह केवल 5 हजार रुपया देय होगा. शून्य कर समव्यवहार वाले एसएमएस के जरिए अपनी विवरणी दाखिल कर सकेंगे.

सम्मेलन को वाणिज्य कर विभाग की प्रधान सचिव सह आयुक्त एस प्रतिभा प्रसाद, आयुक्त सीजीएसटी यशोधन वांगे, विशेष सचिव अरूण कुमार मिश्रा, बीसीसीआई, पटना के पी के अग्रवाल सहित उद्योग व्यापार से जुड़ी संस्थाओं के अनेक प्रतिनिधियों ने सम्बोधित किया. इस दौरान वाणिज्य कर के सभी अंचलों के पदाधिकारी जुड़े हुए थे.

Posted By Samir Kumar

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