Gopal Khemka Murder Case: पटना के चर्चित व्यवसायी गोपाल खेमका हत्याकांड में जांच की रफ्तार धीमी पड़ गई है. घटना को दो महीने 12 दिन बीत जाने के बाद भी पटना पुलिस अब तक कोर्ट में चार्जशीट दाखिल नहीं कर सकी है. जबकि सुप्रीम कोर्ट की तय समय-सीमा के अनुसार पुलिस के पास अब कुछ ही दिन बचे हैं.
नार्को एनालिसिस पर ब्रेक
पुलिस ने इस हत्याकांड के मुख्य आरोपी अशोक साव और कथित शूटर उमेश राय की नार्को एनालिसिस और ब्रेन मैपिंग जांच के लिए कोर्ट से अपील की थी. 12 सितंबर को अदालत ने दोनों आरोपियों से इस पर सहमति मांगी. लेकिन दोनों ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर इनकार कर दिया. ऐसे में उनकी वैज्ञानिक जांच अब संभव नहीं हो पाएगी.
हत्या और विवाद की कड़ी
गोपाल खेमका की हत्या 4 जुलाई की रात गांधी मैदान थाना क्षेत्र स्थित उनके आवास के बाहर अज्ञात अपराधियों ने गोली मारकर कर दी थी. पुलिस ने तकनीकी साक्ष्यों और सुरागों के आधार पर उमेश राय और अशोक साव को गिरफ्तार किया था. प्रारंभिक जांच में खुलासा हुआ कि हत्या प्रॉपर्टी विवाद से जुड़ी थी. हालांकि अब तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि किस संपत्ति को लेकर विवाद था.
सबूत और ऑडियो क्लिप
पुलिस ने अशोक साव के फ्लैट से कई दस्तावेज जब्त किए थे. साथ ही खेमका और साव के बीच हुई कथित तीखी बातचीत का ऑडियो क्लिप भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में साझा किया गया था. ये सबूत पुलिस की फाइल में जरूर हैं, लेकिन अभी तक पूरे घटनाक्रम की परतें पूरी तरह नहीं खुल सकी हैं. दोनों आरोपी फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं. लेकिन चार्जशीट दाखिल न होने और नार्को जांच पर रोक लगने से इस हत्याकांड की गुत्थी और पेचीदा हो गई है.

