Good News: बिहार के ग्रामीण इलाकों में विकास की गति सरकार की ओर से तेज कर दी गई है. दरअसल, अब ग्रामीण इलाके में जितनी भी टूटी-फूटी सड़कें हैं, उसकी किस्मत बदलने वाली है. उन सभी सड़कों के अच्छे दिन आने-वाले हैं. बिहार सरकार की ओर से बड़ा फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना के तहत ग्रामीण सड़क सुदृढ़ीकरण एवं प्रबंधन कार्यक्रम को एक नए अवयव के रूप में प्रारंभ किया गया है.
21,733 करोड़ रुपये की मिली प्रशासनिक स्वीकृति
बता दें कि, उसका उद्देश्य ग्रामीण सड़कों के नियमित एवं व्यवस्थित पुनर्निर्माण/उन्नयन/नवीनीकरण को सुनिश्चित करना है. जानकारी के मुताबिक, वित्तीय वर्ष 2024-25 में इस कार्यक्रम के अंतर्गत पंचवर्षीय अनुरक्षण अवधि से बाहर हुए कुल 14,087 पथों के सुदृढ़ीकरण के लिए 21,733 करोड़ रुपये की प्रशासनिक स्वीकृति दे दी गई है. खबर की माने तो, आने वाले 7 सालों तक उन सभी ग्रामीण पथों को मानक अनुरूप सेवा स्तर पर बनाए रखने की व्यवस्था की गई है, जो अपनी पंचवर्षीय अनुरक्षण/त्रुटि निवारण अवधि पूरा कर चुके हैं.
ग्रामीण इलाके के लोगों को मिलेगी बड़ी सुविधा
जानकारी के मुताबिक, इसी समय के अंदर उन पथों पर दो बार कार्य कराया जाएगा. वहीं, योजना के क्रियान्वयन के दौरान अगर सड़क में कोई तकनीकी त्रुटि पाई जाती है, तो फिर उसका समाधान जो समय सीमा तय की गई है, उसी के अंदर कर दिया जाएगा. वहीं, ऐसा होने से सुविधाओं की बात करें तो, गांव और शहरों के बीच दूरी कम हो जाएगी. साथ ही राज्य की सामाजिक संरचना को नया आयाम और आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिलेगी. इतना ही नहीं, जो सुदूरवर्ती इलाके हैं, वहां से पटना आना भी आसान हो जाएगा. करीब 4 घंटे में ही दूरी तय की जा सकेगी. इसके अलावा जो ठेकेदार हैं, उनकी जिम्मेदारी तय होगी और समय-समय पर सड़कों की मरम्मत हो पाएगी.
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