संवाददाता, पटना: आर्यभट्ट नॉलेज यूनिवर्सिटी (एकेयू) में रविवार को द्वितीय अकादमिक – उद्योग एवं वैश्विक ज्ञान समागम का दूसरा दिन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ. कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो शरद कुमार यादव के मार्गदर्शन में किया गया. समागम का पहला तकनीकी सत्र ‘नैनोमेडिसिन एवं स्वास्थ्य सेवाएं : एक विकसित समाज की ओर’ विषय पर रहा. इसमें प्रो पी प्रजापति (निदेशक, ऑल इंडिया इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेद, दिल्ली), डॉ मोहम्मद चांद जमाली (यूएइ) , उद्योगपति संतोष कुमार सिन्हा, स्टार्टअप उद्यमी रंजन मिस्त्री, डॉ राकेश कुमार सिंह और प्रमोद शर्मा (एमडी, बैद्यनाथ प्रा लि) ने विचार रखे. वक्ताओं ने बताया कि कृषि, स्वास्थ्य और सामाजिक उन्नति में नैनो प्रौद्योगिकी बड़ी भूमिका निभा सकती है. दूसरे सत्र में स्वीडन के संजीव शर्मा और बेंगलुरु के संजीव मिश्रा ने नैनो-आधारित पाठ्यक्रमों और उद्योग-अकादमी सहयोग की महत्ता पर जोर दिया. वहीं पांचवें सत्र में पद्मश्री प्रो एचसी वर्मा ने प्रयोगों के माध्यम से वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने पर बल दिया. पटना विश्वविद्यालय के प्रो अमरेंद्र नारायण ने कम लागत वाले प्रयोगों से स्टेम शिक्षा को मजबूत बनाने की बात कही. समापन सत्र के मुख्य वक्ता प्रो एसी पांडेय ने नैनो पदार्थों के उपयोग पर विस्तृत जानकारी दी. सम्मेलन में देश-विदेश से लगभग 80 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. समन्वय की जिम्मेदारी डॉ राकेश कुमार सिंह, डॉ विभूति विक्रमादित्य और डॉ अभय कुमार अमन ने निभायी.
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