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बिहार बना बड़े खनिजों वाला राज्य, हैदराबाद हैकाथॉन में नीलाम हुए ग्लौकोनाइट और निकेल के तीन ब्लॉक

रोहतास जिले के चुटिया नौहट्टा में ग्लूकोनाइट का एक और पिपराडीह भुरवा में ग्लूकोनाइट का एक ब्लॉक हैदराबाद हैकाथॉन में नीलाम किया गया. इसके अलावा गया जिले के गेंजना में निकेल के एक ब्लॉक की नीलामी भी हुई. बिहार सरकार ने शुक्रवार को ही इन ब्लॉकों की नीलामी की इजाजत दी थी.

Bihar News: बिहार अब बड़े खनिज वाले राज्यों की श्रेणी में शामिल हो गया है. इस साल के अंत तक यहां ग्लौकोनाइट और निकिल का खनन शुरू हो जाएगा. शनिवार को हैदराबाद में आयोजित हैकाथॉन में बिहार के तीन खनिज ब्लॉकों की नीलामी की गई. इसमें रोहतास जिले के चुटिया नौहट्टा में एक ग्लौकोनाइट ब्लॉक और पिपराडीह भुरवा में एक ग्लौकोनाइट ब्लॉक शामिल है. इसके अलावा गया जिले के गेनजाना में एक निकिल ब्लॉक की भी नीलामी की गई.

हैदराबाद हैकाथॉन में हुई नीलामी

खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए हैदराबाद में आयोजित ”अभिनव खोज आधारित खनिज अन्वेषण हैकेथॉन” में राज्य के उपमुख्यमंत्री सह खान एवं भूतत्व मंत्री विजय कुमार सिन्हा शामिल हुए. इसी दौरान बिहार के तीन वृहत खनिज ब्लॉक की नीलामी हुई.

खान एवं भूतत्व विभाग परिवर्तन लाने में जुटा : विजय सिन्हा

विजय सिन्हा ने इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय कोयला एवं खान मंत्रालय सहित केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी जी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के ”खनन परिदृश्य” में ऐसे और भी अनेक सुखद मौके आने वाले हैं. विजय सिन्हा ने कहा कि झारखंड के अलग हो जाने के बाद हमारी गिनती खनिजों के मामले में अभावग्रस्त राज्य के रूप में होती थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सोच से खान एवं भूतत्व विभाग खनन परिदृश्य में गुणात्मक परिवर्तन लाने में जुटा है. बिहार में राजस्व और रोजगार को निर्णायक दिशा मिलेगी.

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क्या होगा फायदा

ग्लूकोनाइट का उपयोग फर्टिलाइजर उद्योग में किया जाता है. ऐसे में दो ब्लॉक्स से ग्लूकोनाइट का खनन होने से इसके माध्यम से आने वाले दिनों में बिहार में फर्टिलाइजर उद्योग की स्थापना हो सकेगी. वहीं निकेल एक क्रिटिकल खनिज है, जिसका प्रयोग मुख्य रूप से बैटरी एवं स्टेनलेस स्टील के निर्माण में किया जाता है. भारत आज निकेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए शत-प्रतिशत आयात पर निर्भर है. हर साल हमारा देश इस मद में 6500 करोड़ रुपए व्यय कर रहा है. लिहाजा गया के गेंजना में निकेल उत्पादन शुरू होने से इसका लाभ राज्य के साथ-साथ पूरे देश को मिलेगा. इससे रोजी-रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. साथ ही राज्य सरकार के राजस्व में बढ़ोतरी होगी.

Anand Shekhar
Anand Shekhar
Dedicated digital media journalist with more than 2 years of experience in Bihar. Started journey of journalism from Prabhat Khabar and currently working as Content Writer.

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