संवाददाता, पटना: मौर्यालोक परिसर में फिर से फूड कियोस्क बनेगा. इसके लिए नगर निगम के अधिकारी जगह चिन्हित करेंगे. फूड कियोस्क के फिर चालू होने से मौर्यालोक परिसर की रोनक लौटेगी और यहां आने जाने वालों की संख्या बढ़ने से यह परिसर गुलजार रहेगा. मौर्यालोक शॉपकीपर कल्याण समिति के अध्यक्ष राजेश कुमार डब्ल्यू के नेतृत्व में दुकानदारों के प्रतिनिधिमंडल की सोमवार को नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के साथ बैठक हुई, जिसमें मौर्यालोक परिसर से हटाये गये कियोस्क को फिर से स्थापित करने पर सहमति बनी है.
2017-18 में हटाया गया था :
पहले मौर्यालोक परिसर में 19 कियोस्क बने थे, जिनमें 16 में खाने-पीने की चीजें और फास्ट फूड मिलते थे. तीन जिला प्रशासन के स्वामित्व में थे, जिनमें हैंडीक्राफ्ट इंपोरियम जैसी दुकानें थीं. लेेकिन बिल्डिंग के सेटबैक एरिया में पड़ने के कारण 2017-18 में नगर आयुक्त अनुपम कुमार सुमन के समय इनमें से 18 दुकानों को तोड़ कर हटा दिया गया. केवल एक फूड कियोस्क कोर्ट के आदेश पर अब भी बना हुआ है. लंबे समय से इन कियोस्क को मौर्यालोक परिसर में फिर से बनाने की मांग की जा रही थी, जिसको अब माना गया है.बूम बैरियर रहेगा, निगम खुद करेगा संचालन :
बूम बैरियर को हटाने और परिसर में प्रवेश के लिए पार्किंग शुल्क लेने के प्रावधानों को समाप्त करने की मांग मौर्यालोक के दुकानदार लंबे समय से कर रहे हैं. उनका कहना है कि इसके कारण इस कॉम्प्लेक्स में ग्राहकों का आना-जाना कम हो गया है. जिस एजेंसी ने पार्किंग शुल्क वसूलने का ठेका लिया है, उसके उपकरण पुराने हैं. इसके कारण तेजी से प्रवेश करने वाले वाहनों की इंट्री नहीं हो पाती है और जाम लग जाता है, जिससे लोगो को आना-जाना कम होने लगा है. नगर आयुक्त ने बूम बैरियर को हटाने या पार्किंग शुल्क को समाप्त करने की मांग को अस्वीकार करते हुए ठेकेदार को बदलने की मांग की बात और खुद पार्किंग शुल्क का काम देखने की बात कही.सिक्युरिटी गार्ड की होगी तैनाती :
पहले मौर्यालोक में होमगार्ड और सिक्युरिटी गार्ड के जवान दिन-रात तैनात रहते थे, जिससे परिसर की सुरक्षा बेहतर थी. लेकिन, अब इनके हटने से वहां चोरी की घटनाएं बढ़ गयी हैं. नगर निगम ने दुकानदारों की फिर से सिक्युरिटी गार्ड तैनात करने की मांग को मानते हुए इसके लिए जल्द टेंडर करने की बात कही. साथ ही परिसर में वायरिंग की समस्या व भवन में जगह-जगह से पानी रिसने की शिकायत पर नगर आयुक्त ने मुख्य अभियंता को इनका निदान देखने का निर्देश दिया. राजेश डब्ल्यू ने कहा कि ऐसी घोषणाएं, तो पहले भी कई बार हुईं, लेकिन उन पर काम नहीं होता है. इस बार उम्मीद है कि वे जल्द पूरी होंगी और समस्याओं के निदान हो जायेगा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है