संवाददाता, पटना पटना शहर में दीपावली के दिन रात आठ से 10 बजे तक ही पटाखे फूटेंगे और यहां हरित पटाखों के ही इस्तेमाल की अनुमति होगी. सर्वोच्च न्यायालय के इस संदर्भ में दिये गये आदेश के अनुरूप बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा जल्द ही इस संदर्भ में निर्देश जारी किये जायेंगे. हालांकि सर्वोच्च न्यायालय का आदेश दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के लिए ही दिया गया है. लेकिन सूत्राें की माने तो दीपावली पर हर वर्ष होने वाली गंभीर प्रदूषण को नियंत्रित करने में इसकी सकारात्मक भूमिका को देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के अधिकारियों में इस पर गंभीर विचार मंथन हुआ है और इसे पटना शहर के लिए भी लागू करने पर सहमति बनी है. जिला प्रशासन ने लाइसेंस जांच के लिए बनायी टीम केवल लाइसेंसधारी दुकानदारों को ही पटाखों की बिक्री करने की अनुमति होगी. जिला प्रशासन ने लाइसेंस जांच के लिए टीम भी बनायी है. वैसे पटाखे जिनमें बेरियम नाइट्रेट (साल्ट सहित) ऐंटीमोनी, लिथियम, मरकरी, आर्सेनिक और लेड के यौगिकों का प्रयोग किया जाता है, के उत्पादन, वितरण, खरीद और बिक्री करने पर रोक रहेगी क्योंकि वे मानव स्वास्थ्य व पर्यावरण के लिए हानिकारक हैं. शांत क्षेत्र यथा-अस्पताल, शैक्षणिक संस्थान, न्यायालय, सचिवालय, विधानमंडल, राज भवन, जैविक उद्यान आदि के 100 मीटर के दायरे में शोर उत्पन्न करने वाले किसी भी प्रकार के पटाखों के इस्तेमाल पर रोक रहेगी. बॉक्स मैटर हरित पटाखा 125 डेसिबल (एआइ) या 145 डेसिबल (सी) पीके (प्रस्फूटन स्थल से 4 मीटर की दूरी पर) से कम आवाज और कम धुआं उत्सर्जित करने वाले पटाखों को हरित पटाखा कहा जाता है.
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