बिहार म्यूजियम की स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार से दो महीने के लिए प्रदर्शनी लगायी जायेगी. प्रदर्शनी में म्यूजियम के संग्रह कक्ष में रखी गयी विभिन्न देवियों की प्रतिमाओं के जरिये नारी शक्ति को प्रदर्शित किया जायेगा.
इस प्रदर्शनी में स्कल्पचर, आर्ट वर्क, पेंटिंग और पुरावशेषों के जरिये महिलाओं के महत्व को प्रदर्शित किया जायेगा. इन पुरावशेष कलाकृतियों में प्रस्तर, कांस्य तथा मृण मूर्तियां, सिक्के, पेंटिंग आदी के आधार पर महिलाओं की शक्तियों को प्रदर्शित किया जायेगा. प्रदर्शनी में देवी गंगा, तारा, महिषासुर मर्दनी, सरस्वती, खादेरवाहिनी तारा, पार्वती, राज लक्ष्मी, उमा महेश्वरी आदी की प्रतिमाओं को प्रदर्शित किया जायेगा.
इस प्रदर्शनी के आधार पर बिहार म्यूजियम की ओर से एक अंतरराष्ट्रीय पुस्तक भी प्रकाशित किया जायेगी. दो महीने के इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों के लिए कार्यशालाएं, संगोष्ठी, विभिन्न प्रतियोगिताएं एवं फिल्म शो का आयोजन किया जायेगा.
बिहार म्यूजियम की स्थापना दिवस के अवसर पर रविवार से दो महीने के लिये प्रदर्शनी लगायी जायेगी. स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य के युवा कलाकारों को प्रोत्साहित करने व उन्हें अपने हुनर को प्रदर्शित करने के लिये दो दिवसीय कला मेला आयोजित किया जायेगा. बिहार म्यूजियम के गेट नंबर तीन के पार्किंग एरिया में 8 अगस्त से कला मेला का आयोजन होगा.
राज्य की कला और संस्कृति से लोगों को रूबरू कराने के लिये मेले में राज्य की लोक नृत्य और संगीत की भी प्रस्तुति दी जायेगी. दो महीने तक चलने वाले इस समारोह में प्रत्येक रविवार को अलग-अलग लोक गीत और नृत्य की कलाकार प्रस्तुति देंगे
Also Read: JDU के भेजे नोटिस में लिपि सिंह की प्रॉपर्टी भी शामिल, जानें सालों से अर्जित किस सम्पत्ति पर उठे सवाल
-
भोजपुरी लोकगीत – 7 अगस्त
-
मैथिली लोकगीत – 14 अगस्त
-
मगही, अंगीका, वज्जिका लोकगीत – 21 अगस्त
-
महिलाओं पर आधारित फिल्म शो – 28 अगस्त
-
कला एवं मीडिया पर आधारित कार्यशाला – 11 सितंबर
-
शास्त्रीय संगीत – 18 सितंबर