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Bihar News: पटना छोड़ कर बिहार के सभी 18 नगर निगम को मिले 293 करोड़, गया को मिला ज्यादा रुपये

Bihar News: पटना छोड़ कर बिहार के सभी 18 नगर निगम को 293 करोड़ मिला है. इन रुपये से क्षेत्र का विकास कार्य किए जाएंगे.

Bihar News: पटना. नगर विकास एवं आवास विभाग ने नन मिलियन प्लस आबादी वाले राज्य के 18 शहरों (नगर निगम) को 293 करोड़ रुपये का आवंटन उपलब्ध कराया है. 15वें वित्त आयोग की अनुशंसा पर यह राशि टाइड व अनटाइड ग्रांट (अनुदान) के रूप में मिली है. यह 2024-25 के लिए अनुशंसित प्रथम किस्त की राशि है. प्रावधानों के मुताबिक टाइड ग्रांट (आबद्ध अनुदान) के रूप में मिली राशि का 30%स्वच्छता एवं ठोस अपशिष्ट प्रबंधन , जबकि 30%राशि पेयजल, वर्षा जल संचयन एवं जल पुनर्चक्रण कार्यों पर खर्च की जायेगी. वहीं, अनटाइड ग्रांट की राशि मानदेय, भत्ता भुगतान से लेकर सरकारी बिलों के बकाया भुगतान पर खर्च की जा सकती है.

पटना नगर निगम को अलग से राशि का होगा आवंटन

गया को सबसे अधिक मिले 27.27 करोड़ विभाग की तरफ से निकायों को दी गयी सूचना के मुताबिक यह राशि पटना छोड़ शेष सभी 18 नगर निगम को दी गयी है. मिलियन प्लस आबादी में शामिल पटना नगर निगम को अलग से राशि का आवंटन होगा. आवंटन में सबसे अधिक 27.27 करोड़ रुपये गया नगर निगम को मिले हैं. इसके साथ ही भागलपुर को 22.89 करोड़, मुजफ्फरपुर को 20.37 करोड़ और बिहारशरीफ को 19.58 करोड़ रुपये दिये गये हैं. अन्य नगर निगमों में दरभंगा को 16.88 करोड़, पूर्णिया को 17.39 करोड़, सासाराम को 17.37 करोड़, समस्तीपुर को 16.72 करोड़, आरा को 15.15 करोड़, बेगूसराय को 14.95 करोड़, बेतिया को 14 करोड़, कटिहार को 13.90 करोड़, मोतिहारी को 13.72 करोड़, सीतामढ़ी को 15.35 करोड़, सहरसा को 13.33 करोड़, मुंगेर को 12.22 करोड़, छपरा को 11.60 करोड़ और मधुबनी को करीब 10 करोड़ रुपये का आवंटन उपलब्ध कराया गया है.

हर साल दो किस्तों में आवंटित की जायेगी राशि

अधिकारियों के मुताबिक 15वें वित्त आयोग की राशि 2025-26 तक हर साल दो किस्तों में शहरी निकायों को आवंटित की जायेगी. 2021-22 से 2025-26 यानी पांच साल में पटना को 1690 करोड़ रुपये, जबकि शेष नगर निकायों को 9999 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में भारत सरकार से मिलेंगे. इस राशि से बिहार के एकमात्र मिलियन प्लस शहर पटना में वायु गुणवत्ता में सुधार, जल प्रबंधन व ठोस अपशिष्ट प्रबंधन पर काम होगा. सेवा स्तरीय मापदंडों को हासिल करने के उपायों पर भी यह राशि खर्च की जा सकेगी.

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