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पटना में आलीशान घर, पेट्रोल पंप, राइस मिल, 40 लाख कैश… बिहार के बैंक अधिकारी ने 11 साल की नौकरी में खड़ा किया करोड़ों का साम्राज्य

Bihar News: बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के विकास पदाधिकारी भावेश कुमार सिंह के पटना और गोपालगंज स्थित 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. जिसमें लाखों की नकदी और अहम दस्तावेज बरामद किए गए.

Bihar News: बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने शुक्रवार को आय से अधिक संपत्ति के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक के विकास पदाधिकारी भावेश कुमार सिंह के 6 ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की. पटना में 4 और गोपालगंज में 2 स्थानों पर सुबह 9 बजे शुरू हुई यह कार्रवाई करीब 11 घंटे तक चली. इस दौरान EOU को नकदी, ज्वेलरी, बैंक पासबुक, जमीन के कागजात और संदिग्ध लेनदेन से जुड़े अहम दस्तावेज हाथ लगे हैं.

सबसे चौंकाने वाली बरामदगी बिहटा स्थित भावेश कुमार की राइस मिल से हुई, जहां से 40 लाख रुपये नकद जब्त किए गए. पटना स्थित उनके आवास से भी कैश और कीमती ज्वेलरी मिली है. तलाशी के दौरान टीम ने बेड खोलकर अंदर रखे बैग निकलवाए और उनकी गहन जांच की. इसी दौरान जमीन से जुड़े कागजात और महंगी घड़ियां भी बरामद की गईं.

8 अलग-अलग बैंकों की मिली पासबुक

EOU को जांच में यह भी पता चला कि भावेश कुमार के रिश्तेदार के नाम से खोली गई फर्म R.M. Enterprises के बैंक खातों में साल 2025 के दौरान 12 से 15 करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ है. इसके ठोस सबूत मिलने के बाद सभी संबंधित खातों को फ्रीज कर दिया गया है. इसके अलावा भावेश के आवास से 8 अलग-अलग बैंकों की पासबुक मिली हैं, जिनमें करीब 15 लाख रुपये जमा होने की जानकारी सामने आई है.

भावेश कुमार के पेट्रोल पंप पर भी छापेमारी

छापेमारी के दौरान गोपालगंज में स्थित भावेश कुमार के पेट्रोल पंप पर भी जांच की गई. यहां कैश, बिक्री और अन्य रिकॉर्ड खंगाले गए. हालांकि उनके भाई का दावा है कि पेट्रोल पंप से कोई आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली. वहीं पटना के एसपी वर्मा रोड स्थित को-ऑपरेटिव बैंक कार्यालय में करीब 3 घंटे तक दस्तावेजों की जांच की गई, जहां भावेश 2014 से विकास पदाधिकारी के पद पर तैनात रहे हैं.

आय से 60 प्रतिशत अधिक संपत्ति

EOU के अनुसार, प्रारंभिक जांच में भावेश कुमार सिंह की संपत्ति उनकी ज्ञात आय से करीब 60 प्रतिशत अधिक पाई गई है. पटना के पहाड़ी इलाके में उनकी सेवा अवधि के दौरान बनाए गए G+5 आलीशान भवन और पैतृक गांव के पास खरीदी गई 41 डिसमिल जमीन के दस्तावेज भी जांच के दायरे में हैं, जिनकी कीमत करोड़ों रुपये बताई जा रही है.

भावेश के बड़े भाई ने क्या कहा?

वहीं, भावेश के बड़े भाई और पूर्व मुखिया राजेश सिंह ने आरोपों को राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा है कि चुनाव को देखते हुए उन्हें फंसाने की कोशिश की जा रही है. फिलहाल EOU दस्तावेजों और संपत्तियों का मूल्यांकन कर आगे की कानूनी कार्रवाई की तैयारी में जुटी है.

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Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

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