संवाददाता, पटना
बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से ठनका, आंधी-पानी, तेज बारिश, लू और हिट वेब का पूर्वानुमान मिलते ही लोगों के बचाव के लिए सरकारी अधिकारी, जनप्रतिनिधियों, सेविका-सहायिका, जीविका सहित अन्य को अलर्ट मैसेज भेजती है. बावजूद इसके हाल के दिनों में सबसे अधिक ठनका से गिरने से लोगों की मौत हो रही है.इस कारण प्राधिकरण ने राज्य के सरकारी-निजी स्कूल और कॉलेज को भी अलर्ट मैसेज से जोड़ने का निर्णय लिया है, ताकि अधिक से अधिक लोगों तक आपदा पूर्व जानकारी पहुंच सकें.किसानों तक भी पहुंचेगा अलर्ट मैसेज
प्राधिकरण की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक ठनका गिरने से सबसे अधिक खेतों में काम करने वाले लोगों की जान जाने की सूचना मिलती है. बढ़ती घटना को रोकने के लिए प्राधिकरण किसानों तक अलर्ट मैसेज पहुंचायेगा. इसके लिए गांव के ऐसे लोगों को जोड़ा जायेगा. जिनके पास मोबाइल है और वह गांव में मौजूद रहते हो.साथ ही, ग्रामीण दुकान के मालिकों को भी नंबर से जोड़ा जायेगा. गांव के जनप्रतिनिधियों, मंदिर के पुजारियों को जोड़ा जायेगा. मानसून आने से पूर्व इस कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है.
इन इलाकों में सबसे अधिक गिरता है ठनका
प्राधिकरण के मुताबिक बिहार के सभी जिलों में ठनका गिरने की संभावना रहती है. जमुई, भागलपुर, पूर्णिया, बांका, गया, औरंगाबाद, कटिहार, पटना, नवादा, रोहतास सबसे अधिक ठनका से प्रभावित जिले है.सारण,सीवान दरभंगा, समस्तीपुर, बेगूसराय, भोजपुर, पश्चिम चंपारण जिले ठनका गिरने के मामले में दूसरे नंबर पर है. गोपालगंज मधुबनी, कैमूर, जहानाबाद, बक्सर, खगड़िया, मधेपुरा, अरवल, वैशाली, शेखपुरा, सहरसा, लखीसराय, सुपौल, मुजफ्फरपुर तीसरे नंबर है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है