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डेंगू रिटर्न : पटना के 80 प्रतिशत इलाके में फॉगिंग नहीं, डेंगू का कहर जारी, अधिकारी बोले चुनाव में लग गये थे कर्मी

शहर के करीब 80 प्रतिशत इलाकों में फाॅगिंग नहीं होने से मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है.

– विधानसभा चुनाव के बीच फाॅगिंग का काम भी हुआ प्रभावित, पटना में बढ़ गये मच्छर, आम लोग परेशान, डेंगू के बढ़ने लगे मामले संवाददाता, पटना शहर के करीब 80 प्रतिशत इलाकों में फाॅगिंग नहीं होने से मच्छरों की संख्या बढ़ती जा रही है. वहीं सूत्रों की मानें, तो विधानसभा चुनाव में कर्मियों की चुनावी ड्यूटी लगने की वजह से फॉगिंग का काम बंद हो गया. इसके अलावा कुछ संसाधनों की कमी और कर्मियों की लापरवाही भी है. उधर अब नवंबर बीतने में मात्र कुछ दिन ही शेष हैं. लेकिन न मच्छरों का प्रकोप थम रहा है और न डेंगू का संक्रमण. आलम यह है कि पटना में नवंबर महीने से लगातार मरीज मिल रहे हैं. यही वजह है कि इस सीजन में पटना जिले में डेंगू के करीब 1700 मरीज मिल चुके हैं. दूसरी ओर सिविल सर्जन डॉ अविनाश कुमार सिंह ने कहा कि डेंगू के बढ़ते मामले को देखते हुए फिर से टीम को अलर्ट कर दिया गया है. साथ ही निगम के साथ मिलकर फॉगिंग आदि का काम शुरू कराया जा रहा है. 110 से अधिक टीमों की कार्यप्रणाली पर उठ रहे सवाल जिले में स्वास्थ्य विभाग की करीब 110 से अधिक टीमों के साथ आशा वर्कर और प्राथमिक केंद्रों के स्टाफ की भी ड्यूटी लगायी गयी है. इसके बाद भी डेंगू के मरीजों में कोई कमी नहीं आयी है. लार्वा जांच के लिए बनायी गयी इन टीमों ने आखिरकार किस प्रकार लोगों को जागरूक किया है. जिले भर में अब तक डेंगू संभावित 8000 से अधिक लोगों के सैंपल लिये जा चुके हैं, जबकि 1500 से अधिक मरीज इलाज के बाद ठीक हो चुके हैं. आइजीआइएमएस में 70 में से 15 मरीजों में मिल चुके हैं मिश्रित सेरोटाइप राजधानी में डेंगू वायरस अपना रूप बदल रहा है. आइजीआइएमएस की ताजा सीरोटाइप रिपोर्ट में कई सैंपलों में एक साथ दो-दो स्ट्रेन मिलने के मामले सामने आये हैं, जिससे वायरस के म्यूटेशन की आशंका बढ़ गयी है. डेनवी 1, 2, 3 और 4 के मिश्रित संक्रमण पहली बार बड़े पैमाने पर देखे जा रहे हैं. शहर के आरएमआरआइ और आइजीआइएमएस के विशेषज्ञ इसे डेंगू के बदलते पैटर्न का संकेत मान रहे हैं. आइजीआइएमएस के अस्पताल अधीक्षक डॉ मनीष मंडल ने बताया कि अस्पताल में पिछले दो माह के दौरान डेंगू मरीजों के 70 सैंपलों में जो 15 मरीजों में मिश्रित सेरेटाइप पाये गये वह चिंता का विषय है. इनमें सबसे ज्यादा डेनवी -3 मिला, लेकिन पहली बार हमने इतने बड़े स्तर पर मिश्रित संक्रमण जैसे डेनवी 1 3, डेनवी 2 3 और डेनवी 1 4 देखे हैं. सामान्यतः किसी मरीज में एक ही स्ट्रेन पाया जाता है, लेकिन इस सीजन में कई मरीजों के शरीर में दो-दो स्ट्रेन एक साथ सक्रिय मिले हैं. उन्होंने बताया कि मिश्रित स्ट्रेन वाले मरीजों में बुखार की तीव्रता, प्लेटलेट गिरावट और रिकवरी का पैटर्न सामान्य स्ट्रेन वाले मरीजों से थोड़ा अलग देखा गया है, लेकिन अभी व्यापक डेटा की प्रतीक्षा है. कोट : लगातार बढ़ रहे हैं आंकड़े आमतौर पर अक्तूबर में डेंगू लगभग खत्म हो जाता है. लेकिन सरकारी आंकड़ों में इस समय जो मरीज मिल रहे हैं वह चिंता का विषय है. इसका सबसे बड़ा कारण बीते एक महीने से शहर के अधिकांश मुहल्लों में फॉगिंग नहीं कराना बताया जा रहा है. इसके चलते लगातार आंकड़े बढ़ रहे हैं. यही वजह है कि वर्तमान में सभी घरों में मच्छरों की भरमार है. ऐसे में लोगों को अपनी सेहत के प्रति सावधान होने की जरूरत है. डॉ विमल राय, वरिष्ठ फिजिशियन

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