– 40,000 स्टाइपेंड की मांग, पूरी न होने पर दी ओपीडी बंद करने की चेतावनी संवाददाता, पटना पीएमसीएच के जूनियर डॉक्टरों ने लंबे समय से जारी अपनी मांगों को लेकर शुक्रवार को विरोध प्रदर्शन किया तथा हाथ में काला बिल्ला बांधकर काम किया. उनकी मांग है कि उनका स्टाइपेंड 20,000 से बढ़ाकर 40,000 किया जाये. जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी जायज मांगों को अनदेखा किया गया, तो वे अपने आंदोलन को और भी तेज करेंगे व मंगलवार से राज्य के सभी मेडिकल कॉलेजों में सेवाएं पूरी तरह से बंद कर देंगे. जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि उनका काम बहुत ज्यादा है, लेकिन उस हिसाब से उन्हें मिलने वाला स्टाइपेंड बहुत कम है. वे इस मांग को कई बार उठा चुके हैं, लेकिन अब तक इस पर कोई ध्यान नहीं दिया गया है. उन्होंने सरकार से अपील की है कि वे तुरंत स्टाइपेंड को संशोधित कर बिहार के डॉक्टरों को अन्य राज्यों के समकक्ष लाएं. स्पाइपेंड नहीं बढ़ा तो होगा आंदोलन विरोध प्रदर्शन कर रहे इंटर्न डॉक्टरों ने बताया कि अगर उनका स्टाइपेंड नहीं बढ़ा, तो बड़े स्तर पर आंदोलन किया जायेगा. चिकित्सकों ने बताया कि मौजूदा समय में उन्हें हर महीने मात्र 20,000 रुपये मिलते हैं, जो लगभग 650 प्रतिदिन के बराबर हैं. यह राशि आज की महंगाई में जीवनयापन के लिए पर्याप्त नहीं है और यह एक दिहाड़ी मजदूर की कमाई के बराबर है. उनका कहना है कि वे मरीजों की देखभाल में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके काम के अनुसार, 40,000 प्रति माह का स्टाइपेंड उचित है. नियमानुसार इंटर्न और पीजी ट्रेनी का स्टाइपेंड हर तीन साल में संशोधित होना चाहिए, लेकिन कई सालों से ऐसा नहीं हुआ है, जिससे स्टाइपेंड की राशि स्थिर बनी हुई है. कहा कि वे इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ्य विभाग को कई बार पत्र लिख चुके हैं, लेकिन उन्हें अभी तक कोई ठोस जवाब नहीं मिला है. अन्य राज्यों से बहुत कम है बिहार में स्टाइपेंड पीएमसीएच के डॉक्टरों ने बताया कि अन्य राज्यों और संस्थानों की तुलना में बिहार में मिलने वाला स्टाइपेंड बहुत ही कम है – पश्चिम बंगाल : 43,000 प्रति माह ओडिशा : 40,000 प्रति माह आइजीआइएमएस, पटना : 32,000 प्रति माह
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