संवाददाता,पटना कॉरपोरेट सोशल रेस्पांसबिलिटी (सीएसआर) के तहत राज्य में खर्च होने वाली राशि की जानकारी अब सार्वजनिक रहेगी.राज्य सरकार ने इसके लिए एक सीएसआर पोर्टल विकसित किया है.इस पोर्टल पर कोई भी देख सकेगा कि कौन सी कंपनी, किस क्षेत्र में, कितनी राशि खर्च कर रही है और उसकी वर्तमान प्रगति क्या है? मंगलवार को उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने पटना स्थित पुराना सचिवालय के मुख्य सभागार में नव विकसित सीएसआर पोर्टल का शुभारंभ करते हुए कहा कि यह पोर्टल सरकार, कारपोरेट जगत, एनजीओ और समाज के बीच मजबूत सेतु का काम करेगा. सीएसआर मद में तीन से पांच हजार करोड़ आने की उम्मीद उप मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान में देशभर में सीएसआर पर 50 हजार करोड़ से अधिक खर्च होता है, जबकि राज्य में यह राशि मात्र 300 करोड़ है.उन्होंने कहा कि पारदर्शिता बढ़ने पर बिहार में तीन से पांच हजार करोड़ तक का सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी) फंड लाया जा सकेगा.पारदर्शिता और गुणवत्ता बढ़ने से भविष्य में निश्चित यह राशि काफी बढ़ेगी.श्री चौधरी ने कहा कि यह राशि अब उपयोगिता और गुणवत्ता के साथ राज्य, समाज व अन्य गतिविधियों पर खर्च किया जायेगा. सीएसआर मद में खर्च होने वाली राशि की जानकारी समय पर नहीं मिलती थी विकास आयुक्त प्रत्यय अमृत ने कहा कि सीएसआर पर राज्य के जिलों में खर्च होने वाली राशि की जानकारी पहले पटना में अधिकारियों को नहीं मिल पाती थी. पोर्टल विकसित होने से अब इसकी रियल टाइम मॉनिटरिंग हो सकेगी.कार्य की गुणवत्ता भी बढ़ेगी.उन्होंने इस पोर्टल को सीएसआर क्षेत्र में मील का पत्थर बताया. वित्त विभाग के प्रधान सचिव आनंद किशोर ने नये पोर्टल की खूबियां गिनाई.मौके पर वित्त विभाग के विशेष सचिव मुकेश कुमार लाल, रचना पाटिल, महावीर शर्मा, एनटीपीसी के जीएम अनिल कुमार चावला, इंडसइंड बैंक की क्षेत्रीय प्रबंधक अराधना गिरी सहित विभाग के अन्य पदाधिकारी व कॉरपोरेट जगत के प्रतिनिधि उपस्थित थे.
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