भाकपा : करगहर में 2362 और बिहारशरीफ में मिले महज 2736 वोट – कांग्रेस के जहां-जहां दोस्ताना संघर्ष किया उन सभी सीटों पर मिली करारी हार संवाददाता, पटना विधानसभा चुनाव में महागठबंधन में शामिल भाकपा ने जबरन नौ सीटों पर चुनाव लड़ने का एलान किया. इनमें से चार ऐसी सीटें थीं जहां कांग्रेस के साथ दोस्ताना संघर्ष किया और इसके बाद सभी सीटों पर भाकपा को हार मिली है. अब विधानसभा से भी बाहर हो गयी. चुनावी रिजल्ट को देखें, तो भाकपा कहीं दूसरे, तो कहीं सातवें स्थान पर भी रही. अब राज्य सचिव,पोलित ब्यूरो सदस्य, चुनाव प्रभारी और राष्ट्रीय नेता विधानसभा में जाकर हार की समीक्षा करने में जुटे हैं. जानकारी के मुताबिक 1951 से अब तक हुए चुनाव में यह दूसरा मौका है जब भाकपा को एक भी सीट नहीं मिली है. बछवाड़ा सीट पर तीसरे स्थान पर रही भाकपा भाकपा 2020 के चुनाव में चार सीटों पर लड़ी थी.जिसमें दो प्रत्याशियों की जीत हुई. लेकिन 2025 के चुनाव पार्टी के लिए बड़ा सबक रहा. यहां टिकट बंटवारा में देर होने के कारण भाकपा ने अपनी पसंद की सीटों पर प्रत्याशियों को सिंबल देना शुरू कर दिया. इसी कड़ी में बछवाड़ा सीट पर दावेदारी के बाद भी कांग्रेस ने सिंबल दे दिया. इसको लेकर भाकपा ने कांग्रेस के सामने प्रत्याशी उतारना शुरू कर दिया.लेकिन जिस सीट बछवाड़ा से कांग्रेस-भाकपा में लड़ाई शुरू हुई, उस सीट पर भी भाकपा प्रत्याशी तीसरे नंबर पर रहे. वहीं,करगहर में सातवें, राजापाकर में तीसरे, बिहारशरीफ में छठे स्थान पर रहे .. वहीं, वोट का प्रतिशत 2025 में 0.78 प्रतिशत रहा है. अब तक के विधानसभा चुनाव में भाकपा की स्थिति आंकड़ों के मुताबिक 1951 में एक, 1957 में सात, 1962 में 12, 1967 में 25, 1969 में 25, 1972 में 35, 1977 में 21, 1980 में 22, 1985 में 12, 1990 में 24, 1995 में 26 , 2000 में पांच 2005 में तीन, 2005 में तीन, 2010 में एक, 2015 में 00, 2020 में दो और 2025 में शून्य पर आउट हो गयी.
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