Bullet Train: बिहार में हाईस्पीड रेल कॉरिडोर के निर्माण की दिशा में बड़ी प्रगति हुई है. पटना सहित पांच जिलों में करीब 260 किमी लंबे एलिवेटेड ट्रैक कॉरिडोर के लिए अगस्त तक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार हो जाएगी. नेशनल हाईस्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHRCL) जल्द ही डीपीआर तैयार करने के लिए एक एजेंसी का चयन करेगा.
बुलेट ट्रेन के लिए पटना में 60 किमी एलिवेटेड ट्रैक
देश में मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के बाद केंद्र सरकार अब वाराणसी-पटना-हावड़ा हाईस्पीड रेल कॉरिडोर पर तेजी से काम कर रही है. पहले फेज में वाराणसी से पटना होते हुए हावड़ा तक एलिवेटेड ट्रैक बनाया जाएगा, जबकि दूसरे फेज में दिल्ली से वाराणसी तक इसका विस्तार किया जाएगा. पटना में फुलवारीशरीफ एम्स के पास बुलेट ट्रेन स्टेशन प्रस्तावित है.
पटना के 58 गांवों में भूमि चिह्नित, 135 हेक्टेयर जमीन की जरूरत
पटना जिले में बुलेट ट्रेन के लिए 60.90 किमी एलिवेटेड ट्रैक का निर्माण होगा. जिसके लिए 58 गांवों में जमीन चिह्नित की गई है. इस प्रोजेक्ट के लिए 135.06 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता होगी.
पेड़ों को हटाने के लिए वन विभाग की मंजूरी जरूरी
एलिवेटेड ट्रैक निर्माण में करीब 3,881 पेड़ बाधा बन सकते हैं. इन्हें ट्रांसप्लांट करने या हटाने के लिए वन विभाग से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) लेना होगा. अनुमति मिलने के बाद ही पटना में बुलेट ट्रेन ट्रैक का निर्माण कार्य शुरू होगा.
पढ़िए प्रभात खबर की प्रीमियम स्टोरी: बिल क्लिंटन और अपने संबंध को अब #MeToo की शुरुआत बता रही हैं मोनिका लेविंस्की, सच ऐसे हुआ था उजागर
5 साल में बुलेट ट्रेन संचालन का लक्ष्य
रेलवे बोर्ड के अनुसार, इस प्रोजेक्ट के लिए केंद्रीय बजट में राशि आवंटित हो चुकी है और पांच साल के भीतर बिहार से गुजरने वाली बुलेट ट्रेन को चालू करने का लक्ष्य रखा गया है. निर्माण पूरा होने पर यात्री वाराणसी से हावड़ा तक हाईस्पीड रेल सेवा का लाभ उठा सकेंगे, जिससे यात्रा में लगने वाला समय काफी कम हो जाएगा.