Bird Flu: पटना. जहानाबाद जिले के बाद अब बर्ड फ्लू एवियन इन्फ्लूएंजा ए (H5N1) वायरल राजधानी पटना भी पहुंच चुका है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) पूर्वी के परिसर में एहतियात बरतते हुए 35 मुर्गियों को सुरक्षित तरीके से मारा गया. इसके बाद स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है. सिविल सर्जन डॉ. अविनाश कुमार सिंह ने सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों के चिकित्सा प्रभारियों को अपने क्षेत्र में पक्षियों की असामान्य मृत्यु होने पर तत्काल उसकी जानकारी जिला एपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत कुमार सिंह को देने का निर्देश दिया है. इसके अलावा रोकथाम के लिए गाइडलाइन भी जारी की गई है. सिविल सर्जन ने आमजन से भी असामान्य रूप से पक्षियों की मृत्यु की सूचना नजदीकी अस्पताल में देने की अपील की है.
क्या है मामला
आइसीएआर पूर्वी स्थित पोल्ट्री फार्म में 27 फरवरी को असामान्य तरीके से मुर्गियों की मृत्यु हुई थी. 28 फरवरी को निदेशक ने इनके नमूने जांच के लिए भोपाल भिजवाने के साथ प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सभी को निस्तारित कराया था. भोपाल से आई रिपोर्ट में बर्ड फ्लू के कारण मुर्गियों की मृत्यु होने की पुष्टि हुई. इसके बाद फार्म में रखी 35 से अधिक मुर्गियों को शुक्रवार को प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मार दिया गया. इसके अलावा एनिमल हसबैंड्री कार्यालय के सभी ब्लॉक ऑफिस को सेनेटाइज किया गया.
तीन किलोमीटर के दायरे में खास निगरानी
तीन किलोमीटर के दायरे में खांसी-बुखार रोगियों की निगरानी भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पोल्ट्री फार्म में एवियन एंफ्लुएंजा की पुष्टि के बाद इसके तीन किलोमीटर के दायरे में खास निगरानी बरती जा रही है. बुखार-खांसी एवं वैसे व्यक्ति जो सात दिन के अंदर किसी मृत पक्षी के संपर्क में आए हों और खांसी बुखार हो तो इसकी जानकारी आइडीएसपी सेल को उपलब्ध कराने को कहा गया है. चिह्नित मरीजों के नमूनों की आरएमआरआइ में जांच कराई जाएगी.
अस्पताल में सूचना दे कराएं जांच
महामारी पदाधिकारी डॉ. प्रशांत कुमार सिंह ने बताया कि बर्ड फ्लू पक्षियों में होने वाला अत्यंत संक्रामक रोग है. संक्रमित पक्षी के संपर्क में आने से यह रोग मनुष्यों में भी फैल सकता है. सांस लेने में तकलीफ, तेज बुखार, शरीर में तेज दर्द, जुकाम, नाक बहना, आंखें लाल होना या जलन, निमोनिया आदि इसके प्रमुख लक्षण हैं. इसके अलावा बीमार मुर्गियों या अस्वाभाविक रूप से मृत पक्षियों के सीधे संपर्क में नहीं आने को कहा गया है. छूना ही पड़े तो दस्ताने व मास्क आदि का इस्तेमाल करें. बीमार पक्षियों के पंख, म्यूकस या बीट को न छूएं.
कितना सेफ है अंडा-चिकन?
हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बर्ड फ्लू के दौरान चिकन और अंडे खाना पूरी तरह से सुरक्षित है. इन्हें खाने से किसी तरह की कोई समस्या नहीं है, लेकिन इस बात का ध्यान रखना जरूरी है कि बनाते और खाते समय इस बात का ध्यान रखा जाए कि चिकन और अंडे अच्छी तरह से पकाए गए हों. बर्ड फ्लू की आशंका अंडे या चिकन को अच्छे से पकाकर खाने पर खत्म हो जाती है, लेकिन इसके लिए कई सावधानियां बरतना जरूरी है. कच्चे अंडे या चिकेन को छूने के बाद साबुन व गर्म पानी से हाथ ठीक से धोएं. उबले-तले अंडे सुरक्षित लेकिन हाफ फ्राई या आधे उबले अंडे बीमारी का कारण बन सकते हैं.
Also Read: नीतीश की इस योजना से बिहार में बना स्वरोजगार का माहौल, 44 हजार से ज्यादा युवा बने उद्यमी