भूजल बचाने मिशन मोड में काम कर रही सरकार विधान परिषद में पीएचइडी मंत्री की घोषणा
राज्य सरकार जल्द ही प्रदेश को चापाकल फ्री राज्य बनाने जा रही है. भूजल केदोहन से बचाने को लेकर यह कवायद होगी. विधान परिषद में मंगलवार को पीएचइडी मंत्री नीरज कुमार सिंह ने कहा कि आने वाले समय में हम चापाकल शून्य/फ्री की स्थिति में पहुंचेंगे. शुरुआत चापाकल ””””फ्री”””” जिले से होगी. उन्होने सदन को सरकार की मंशा बताते हुए कहा कि केवल सतही जल से पीने के पानी की आपूर्ति की जाये. भू-जल बचे. सरकार इसमें 2047 विजन पर काम कर रही है. भू-जल समस्या वाले गांवों में पेयजल आपूर्ति के लिए ”मल्टी-विलेज” योजना लागू की जायेगी. वित्तीय मदद के लिए केंद्र को प्रस्ताव भेजा है.
मंत्री नीरज कुमार सिंह का यह बयान नलजल योजना पर हो रही चर्चा के दौरान आया. दरअसल राजद के कॉरी साेहेब के गिरते भू जल स्तर, निर्दलीय महेश्वर सिंह और राजद के कुमार नागेंद्र की तरफ से नल-जल योजना पर उठाये सवालों का जवाब देते हुए मंत्री नीरज कुमार सिंह ने दावा किया कि यह योजना पूरी तरह प्रभावी है. यह योजना मकसद में सफल है. विपक्ष का कहना था कि यह योजना फेल हो चुकी है. सभापति ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि इस बारे में मंत्री से अलग से बात की जायेगी.
मंत्री श्री सिंह ने सौरभ कुमार के एक सवाल पर कहा कि इंदिरा गांधी ह्दय रोग संस्थान में चिकित्सकों की कमी को पूरा करने के प्रयास किये जा रहे हैं. नियुक्तियों के लिए अधियाचना भेजी है. सरकार मेडिकल कॉलेज खोल रही है. इससे चिकित्सकों की कमी पूरी होगी. शिवहर सदर अस्पताल में महिला चिकित्सकों की कमी होगी पूरी प्रभारी मंत्री ने शिवहर सदर अस्पताल में महिला चिकित्सकों की कमी को पूरा करने की बात कही. उन्होंने सदन को बताया कि बिहार में 5098 पदों पर चिकित्सा पदाधिकारी, सामान्य चिकित्सक, दंत चिकित्सक की नियुक्ति होगी. 5098 पदों में चिकित्सा पदाधिकारी 3623, सामान्य चिकित्सा पदाधिकारी 667, दंत चिकित्सक के पद पर 808 डॉक्टरों की नियुक्ति की जानी है. विजिटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के प्रयास भी किये जा रहे हैं. प्रो संजय कुमार सिंह के सवाल पर आये जवाब में कहा गया कि बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के लिए राज्य सरकार के मीठापुर में कुल पांच एकड़ जमीन मिली है. भवन बनाने के लिए 1.38 अरब रुपये स्वीकृत किये गये हैं. स्वीकृत पदों पर नियमित नियुक्ति के लिएरोस्टर क्लियरेंस कराया जा रहा है. उच्च पदों पर नियुक्ति के लिए विधि विभाग की राय ली जा रही है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है