Bihar Politics: पटना. बिहार कांग्रेस के नव नियुक्त प्रभारी कृष्णा अल्लावरू बिहार का दूसरा दौरा कर रहे हैं. कांग्रेस प्रभारियों की परंपरा की लीक से अलग हटकर नये प्रभारी अभी तक राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से नहीं मिले हैं. दो दशकों से जितने भी प्रदेश कांग्रेस प्रभारी बने हैं. बिहार आने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता उसी दिन राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से मिलने रही है. प्रभारी लालू प्रसाद के आवास पर जाकर मिलते रहे हैं. चाहे वे शक्ति सिंह गोहिल हो, भक्त चरण दास या मोहन प्रकाश. नये कांग्रेस प्रभारी अल्वावरू बुधवार तक लालू प्रसाद से नहीं मिले हैं.
संगठन की मजबूती प्राथमिकता
राहुल गांधी की टीम में शामिल कृष्णा अल्लावरू ने अपने बिहार के पहले दौरे में ही न सिर्फ तेवर दिखाया बल्कि पार्टी नेताओं को दो टूक शब्दों में कहा कि उनकी प्राथमिकता संगठन को मजबूत करने की होगी. उनका अधिक समय बिहार में के गांवों में कार्यकर्ताओं के बीच गुजरेगा. उन्होंने कहा था कि जीत के लिए अब पार्टी नेताओं को दिल्ली और पटना में चक्कर की जगह बूथों का चक्कर काटना होगा. पार्टी में गुटबाजी करनेवाले नेता बाहर का रास्ता दिखाया जायेगा. उन्होंने पार्टी नेताओं को भी साफ कर दिया कि अब पार्टी और चुनावी मैदान में रेस के घोड़ों को सम्मान दिया जायेगा. बारात के घोड़ों को तरजीह नहीं मिलेगी.
अपने मिशन को पूरा करने में जुटे बिहार प्रभारी
बिहार कांग्रेस के नव नियुक्त प्रभारी कृष्णा अल्लावरू अपने मिशन को पूरा करने के लिए लगातार जिलों का दौरा कर रहे हैं. पिछले चार दिनों से वे बेगूसराय, खगड़िया और समस्तीपुर के सभी जमीनी स्तर नेता एवं कार्यकर्ता के साथ बैठक कर चुके हैं. उन्होंने बुधवार को भोजपुर में भोजपुर, बक्सर, रोहतास एवं कैमूर जिलों के प्रतिनिधियों से विस्तृत चर्चा किया. अंतिम दौरा गुरुवार को मुजफ्फरपुर में होगा जहां पर वे मुजफ्फरपुर, मधुबनी, दरभंगा एवं सीतामढ़ी के प्रतिनिधियों के साथ विचार मंथन करेंगे. लालू प्रसाद से अभी तक नहीं मिलने को लेकर दबे जुबान ही सही, नेता पार्टी के रूख को लेकर जितनी मुंह उतनी बातें तो कर ही रहे हैं.
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