Bihar Politics: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले महागठबंधन में सीटों को लेकर हलचल तेज हो गई है. इसी क्रम में सीपीएम और सीपीई ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अपनी मांगें स्पष्ट की हैं. सीपीएम के नेता ललन चौधरी और सीपीई के नेता रामनरेश पांडेय ने कहा कि इस बार महागठबंधन में उन्हें सम्मानजनक सीटों के साथ विधानसभा में जगह दी जानी चाहिए.
तेजस्वी यादव के चेहरे को लेकर समर्थन
वाम दलों ने यह साफ कह दिया कि महागठबंधन में उनका समर्थन तेजस्वी यादव के नेतृत्व को है. सीपीई के रामनरेश पांडेय ने कहा कि उनकी पार्टी इस बार 24 सीटों पर पूरी तैयारी कर रही है और सीटों की लिस्ट उन्होंने कॉर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन तेजस्वी यादव को सौंप दी है. वहीं सीपीएम के ललन चौधरी ने कहा कि उनकी पार्टी इस बार कम से कम 11 सीटों की मांग कर रही है.
महागठबंधन की रणनीति पर असर
वाम दलों की यह पहल महागठबंधन के लिए नई चुनौतियां लेकर आई है. अब यह देखना बाकी है कि कांग्रेस और राजद की ओर से सीटों के बंटवारे पर क्या प्रतिक्रिया आती है. राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि वाम दलों की इस मांग के बाद गठबंधन के अन्य दलों को अपने हिस्से की सीटों और रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है.
स्थानीय और राष्ट्रीय राजनीति पर प्रभाव
सीपीएम और सीपीई की सक्रिय भूमिका महागठबंधन के चुनावी समीकरणों को प्रभावित कर सकती है. सीटों के बंटवारे और तेजस्वी यादव के नेतृत्व को लेकर स्पष्टता आने से गठबंधन की ताकत और कमजोरियां दोनों सामने आएंगी. आगामी विधानसभा चुनाव में यह देखा जाएगा कि गठबंधन में संतुलन कैसे बना रहता है और वाम दलों की सीटों की मांग कितनी मान्य होती है.
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