Bihar News: बिहार में लंपी वायरस का खतरा एक बार फिर बढ़ गया है. सरकार ने करीब दो महीने पहले ही बछड़ों और बाछियों का टीकाकरण कराया था, लेकिन इसके बावजूद जमुई, समस्तीपुर समेत कई जिलों में संक्रमण के नए मामले सामने आ रहे हैं.
पशुपालकों का कहना है कि समय पर टीका लगवाने के बाद भी उनके मवेशी बीमार पड़ गए.
टीका लगने के बाद भी बीमार हुए पशु
जमुई के पशुपालक मनोज ने बताया कि उनकी एक साल की बछिया को लंपी का टीका दिया गया था, लेकिन 10–12 दिन पहले वह बीमार हो गई. फिलहाल उसका इलाज चल रहा है और हालत में सुधार है, वहीं, समस्तीपुर के पशुपालक राहुल को भी ऐसी ही परेशानी का सामना करना पड़ा.
कैसे फैलता है लंपी वायरस
लंपी वायरस एक संक्रामक बीमारी है, जो संक्रमित पशु से स्वस्थ पशु में तेजी से फैलती है. शुरुआत तेज बुखार से होती है. पशु खाना-पीना छोड़ देता है. शरीर पर कठोर फोड़े और घाव बनने लगते हैं. पैरों में सूजन आ जाती है.
संक्रमण के फैलने की मुख्य वजह है गंदगी और संक्रमित पशुओं का आपसी संपर्क. साफ-सफाई का ध्यान न रखने से यह बीमारी तेजी से फैलती है.
इलाज और देखभाल
संक्रमित पशु को तुरंत नजदीकी सरकारी पशु अस्पताल ले जाना चाहिए. बिना डॉक्टर की सलाह के दवा देना खतरनाक हो सकता है. हल्के मामलों में कुछ घरेलू उपाय भी मददगार साबित हो सकते हैं.
नीम के पत्ते उबालकर बने ठंडे पानी से दिन में दो बार पशु का शरीर साफ करें. पान के 10 पत्ते, काली मिर्च, नमक और गुड़ मिलाकर पेस्ट बनाएं. पहले दिन हर 3 घंटे पर खुराक दें और अगले 15 दिन तक दिन में तीन बार दें.
रोकथाम के उपाय
पशुपालकों को गौशाला में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. मवेशियों को खुले में गंदगी या संक्रमित पशुओं के पास नहीं ले जाना चाहिए.
गौशाला में आते-जाते समय खुद को भी सैनिटाइज करना जरूरी है, ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सके.
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