Bihar News: बिहार में ओवरलोड और अनफिट वाहनों पर शिकंजा कसने की तैयारी हो गई है. एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में साफ कहा कि दुर्घटना की स्थिति में सिर्फ चालक ही नहीं, बल्कि वाहन मालिक पर भी केस दर्ज होगा. बीएनएस (BNS) की धारा 105 के तहत दोषी पाए जाने पर न्यूनतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.
हाल के महीनों में ऑटो और बस से जुड़े बड़े हादसों का हवाला देते हुए उन्होंने चेतावनी दी कि अब ऐसे मामलों में कोई रियायत नहीं दी जाएगी.
ट्रैफिक अनुशासन लाने के लिए सख्त कदम
पटना में ट्रैफिक व्यवस्था को दुरुस्त करने और सड़क हादसों पर रोक लगाने के लिए पुलिस मुख्यालय ने सख्त कदम उठाए हैं. अब ओवरलोड और अनफिट वाहनों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. दुर्घटना की स्थिति में केवल चालक ही नहीं, बल्कि वाहन मालिक को भी दोषी माना जाएगा. बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 105 के तहत केस दर्ज कर दोषियों को 10 साल तक की सजा हो सकती है. यह जानकारी एडीजी (ट्रैफिक) सुधांशु कुमार ने शुक्रवार को प्रेस वार्ता में दी.
एडीजी ने बताया कि ऑटो, बस और मालवाहक जैसे वाहनों में ओवरलोडिंग पर अब किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती जाएगी. खासकर ऑटो जैसे छोटे वाहनों में क्षमता से अधिक यात्रियों को बैठाना और माल ढोना दुर्घटनाओं की बड़ी वजह बन रहा है. अगर ओवरलोडिंग के कारण किसी हादसे में लोगों की जान जाती है, तो वाहन मालिक और चालक समेत संबंधित अन्य लोगों पर बीएनएस की धारा 105 समेत अन्य सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज होगा.
हादसों के आंकड़े बने आधार
23 फरवरी को मसौढ़ी में ऑटो पलटने से 7 लोगों की मौत हो गई थी. 29 मई को गया के डुमरिया में 4, 31 जुलाई को पटना के आदर्श नगर में 3 और 23 अगस्त को दनियावां के शाहजहांपुर के पास ऑटो पलटने से 9 महिलाओं की जान चली गई थी. एडीजी ने कहा कि इन सभी मामलों में जांच कर अब बीएनएस की धारा 105 के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई होगी.
इसी तरह जहानाबाद में कुछ दिन पहले स्कूल बस में छेद से गिरकर बच्चे की मौत का मामला सामने आया था. इस घटना को भी अनफिट वाहन की श्रेणी में माना गया है और इसमें शामिल सभी दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.
ऑटो पर सख्त नियम
पटना समेत शहरी इलाकों में ऑटो को लेकर भी नया निर्देश जारी किया गया है. एडीजी ने कहा कि ट्रैफिक जाम की बड़ी वजह ऑटो हैं. सभी चौक-चौराहों के 50 मीटर आगे या पीछे ही ऑटो स्टैंड तय किए जाएंगे. अगर ऑटो चालकों ने नियम का पालन नहीं किया तो सीधे कानूनी कार्रवाई होगी.
नाबालिगों के हाथों में गाड़ी देने पर भी अब सख्त प्रावधान किया गया है. अगर कोई नाबालिग ऑटो या अन्य वाहन चलाते पकड़ा जाता है, तो बीएनएस की धारा के तहत मालिक और चालक दोनों पर मुकदमा दर्ज किया जाएगा.
स्कूली बच्चों के परिवहन पर रोक
एडीजी ने दोहराया कि ई-रिक्शा पर स्कूली बच्चों का परिवहन पहले से ही प्रतिबंधित है. इसके बावजूद अगर कोई चालक बच्चों को लेकर चलता पकड़ा गया, तो उस पर भी कठोर कार्रवाई होगी. इसी तरह मालवाहक वाहनों पर लोगों को बैठाना पूरी तरह प्रतिबंधित है.
पुलिस मुख्यालय ने आम लोगों से भी अपील की है कि वे ओवरलोड वाहनों पर सफर करने से परहेज करें. अगर कहीं नियम तोड़ते वाहन दिखें तो उसकी सूचना तुरंत पुलिस को दें. एडीजी ने कहा, “समाज में इस परिपाटी को सामान्य मानने की प्रवृत्ति गलत है. जब तक लोग खुद जागरूक नहीं होंगे, तब तक बदलाव मुश्किल है.
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