Bihar Film Policy: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर लागू की गई नई फिल्म नीति का असर दिखने लगा है. राज्य सरकार ने हाल ही में 25 फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी है. इनमें भोजपुरी, हिंदी, मैथिली, मगही और यहां तक कि अंग्रेजी फिल्मों को भी हरी झंडी मिली है.
यह पहल न सिर्फ बिहार की संस्कृति और धरोहर को सिनेमा के जरिए दुनिया तक पहुंचाएगी बल्कि पर्यटन और रोजगार के नए अवसर भी खोलेगी.
बिहार में 25 फिल्मों की शूटिंग को हरी झंडी
बिहार अब तेजी से फिल्मी नक्शे पर अपनी पहचान बना रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पहल पर लागू नई फिल्म नीति का असर दिखने लगा है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने हाल ही में 25 फिल्मों की शूटिंग की अनुमति दी है.
इन फिल्मों की सूची में संघतिया, द लांग जर्नी होम, बिहार का जलवा, सुहागिन के सेनूर, लाइफ लीला, जिनगी बीतवनी तोहरे प्यार में, घर का बंटवारा, नारी, रजनी की बारात, ओह माय डॉग, टिया, सुगनी, छठ, पेन ब्रश, बिहान, अनमोल घड़ी, बंटवारा, अंबे है मेरी मां, बेटी बनल विजेता, अखंड भेदम, बिहारी भौजी, वृहस्पति व्रत कथा, जय मइया शारदा भवानी, जिहादी एक प्रेम कथा और मइया थावे वाली जैसी फिल्में शामिल हैं.
संस्कृति और विविधता को मिल रहा नया मंच
फिल्मों की इस नई सूची में सिर्फ भोजपुरी ही नहीं, बल्कि हिंदी, मैथिली, मगही और अंग्रेजी फिल्मों को भी जगह मिली है. इससे साफ है कि बिहार अब सिर्फ क्षेत्रीय सिनेमा तक सीमित नहीं, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फिल्मकारों का भी आकर्षण केंद्र बन रहा है.
अनुदान से बढ़ा आकर्षण
राज्य सरकार ने फिल्म निर्माताओं के लिए खास प्रोत्साहन योजना लागू की है. इसके तहत 75% शूटिंग बिहार में करने पर चार करोड़ रुपये तक का अनुदान दिया जाएगा. यही वजह है कि कई निर्माता-निर्देशक अपनी फिल्मों की लोकेशन के तौर पर बिहार को चुन रहे हैं.
धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य पहुंचेगा परदे पर
नालंदा, गया, दरभंगा, जहानाबाद, वैशाली और वाल्मीकिनगर जैसे जिले फिल्मी शूटिंग के नए केंद्र के रूप में उभर रहे हैं. यहां के ऐतिहासिक धरोहर और प्राकृतिक सौंदर्य अब सिनेमा के माध्यम से देश-दुनिया तक पहुंचेंगे. राज्य का पहला स्थायी फिल्म सेट और निजी स्टूडियो भी फिल्मकारों को आकर्षित कर रहा है.
पर्यटन और रोजगार को मिलेगी रफ्तार
फिल्म नीति से न सिर्फ बिहार के पर्यटन को गति मिल रही है, बल्कि स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार और नए अवसर भी बन रहे हैं. होटल, ट्रांसपोर्ट और सेवा क्षेत्र को भी बड़ा फायदा हो रहा है. सरकार अब डॉक्यूमेंट्री और शॉर्ट फिल्म फेस्टिवल आयोजित करने की तैयारी कर रही है. इससे बिहार के फिल्मी सफर को और तेज रफ्तार मिलने की उम्मीद है.

