Bihar News: खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने शुक्रवार से बिहार की सभी जन वितरण प्रणाली (PDS) दुकानों की राज्यव्यापी सघन जांच शुरू कर दी है. विभाग का स्पष्ट संदेश है कि अब गड़बड़ी करने वाले डीलरों पर सीधी और कड़ी कार्रवाई होगी.
विभाग ने सभी जिलों को आदेश जारी करते हुए कहा है कि पात्र लाभुकों को निर्धारित मात्रा और गुणवत्तायुक्त खाद्यान्न समय पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित किया जाए.
जीरो ऑफिस डे से शुरू हुआ विशेष अभियान
29 अगस्त 2025 को विभाग ने “Zero Office Day” घोषित किया. इस दिन आपूर्ति विभाग से जुड़े सभी अधिकारी—उप निदेशक (खाद्य), अपर जिला दंडाधिकारी (आपूर्ति), जिला आपूर्ति पदाधिकारी, अनुमंडल पदाधिकारी, सहायक जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पणन पदाधिकारी और आपूर्ति निरीक्षक—अपने-अपने क्षेत्रों में निकल पड़े.
एक ही दिन में राज्यभर में 3617 जन वितरण प्रणाली दुकानों का निरीक्षण किया गया. इस प्रक्रिया में तकनीक का सहारा लिया गया और “PDS PARAKH मोबाइल ऐप” के माध्यम से दुकानों का विशेष सघन निरीक्षण पूरा किया गया.
चरणबद्ध तरीके से होगी जांच
विभाग ने तय किया है कि 2 सितम्बर से 9 सितम्बर 2025 तक राज्य के सभी जिलों की बाकी बची दुकानों का क्रमवार और नियमित निरीक्षण किया जाएगा इसके लिए जिलों को पंचायतवार रोस्टर तैयार करने का निर्देश दिया गया है.
हर पदाधिकारी को रोज़ कम से कम दो पंचायतों की सभी दुकानों का निरीक्षण करना अनिवार्य होगा. इस दौरान यह देखा जाएगा कि—क्या लाभुकों को निर्धारित मात्रा में खाद्यान्न मिल रहा है?, खाद्यान्न की गुणवत्ता मानक के अनुरूप है या नहीं?, वितरण प्रणाली पारदर्शी ढंग से चल रही है या नहीं?
क्यों जरूरी है यह अभियान?
खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग ने साफ कर दिया है कि गड़बड़ी करने वाले डीलरों को बख्शा नहीं जाएगा. निरीक्षण में अनियमितता पाए जाने पर डीलर के खिलाफ तुरंत कार्रवाई की जाएगी.
साथ ही, यदि कोई अधिकारी जांच में लापरवाही करता है या शिथिलता बरतता है, तो उसके खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई तय है.
बिहार में PDS दुकानों की अनियमितताओं को लेकर समय-समय पर शिकायतें आती रही हैं. कहीं राशन की कालाबाजारी होती है, तब कहीं लाभुकों को तय मात्रा से कम अनाज दिया जाता है. कई मामलों में यह भी देखा गया है कि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को उनका हक नहीं मिलता.
इस निरीक्षण अभियान में तकनीकी माध्यमों पर विशेष जोर दिया गया है. PDS PARAKH मोबाइल ऐप न सिर्फ निरीक्षण को आसान बनाता है बल्कि उसकी पारदर्शिता भी सुनिश्चित करता है. अधिकारी निरीक्षण की पूरी रिपोर्ट रीयल-टाइम में अपलोड करेंगे, जिससे बाद में छेड़छाड़ की कोई गुंजाइश नहीं रहेगी.
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