Bihar News: पटना जिले में ग्रामीण इलाके में फसलों की क्षति को रोकने के लिए नीलगायों और जंगली सूअरों का शिकार किया जायेगा. नीलगायों व जंगली सूअरों को मारने से फसलों की क्षति रुकेगी. किसानों को भी चैन मिलेगा. जिले में 3436 नीलगायों (घोड़परास) व जंगली सूअरों के शिकार करने की अनुमति मिल गयी है. पंचायती राज विभाग से जारी दिशा-निर्देश पर जिला प्रशासन से नीलगायों व जंगली सूअरों को मारने की अनुमति दी है. इसके लिए ग्रामीण इलाके में पंचायतों के मुखिया से समन्वय कर निर्णय लिया जाना है. इसके लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारी और प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी को मुखिया से बातचीत कर मामले का निबटारा करना है. किसानों के आवेदन मिलने पर डीएम डॉ चंदशेखर सिंह के निर्देश पर डीडीसी समीर सौरभ, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, वन प्रमंडल पदाधिकारी, पखंड पंचायती राज पदाधिकारी, संबंधित मुखिया और पंचायत सचिव ने बैठक कर निर्णय लिया है.
नौबतपुर में सबसे अधिक दो हजार नीलगाय, किसानों ने दिया आवेदन
पटना के नौबतपुर पखंड की ग्राम पंचायत करजा में सबसे अधिक दो हजार नीलगाय है. अधिक नीलगाय होने के कारण किसान परेशान है. इस इलाके में लगी फसलों को नीलगाय क्षति करती है. नौबतपुर पखंड के किसानों ने फसल क्षति को लेकर 21 नीलगायों को मारा भी है. किसानों ने नौबतपुर सहित पटना सदर पखंड के फतेहपुर में एक हजार, मोकामा प्रखंड की ग्रामीण पंचायत मराची उतरी में 350 और दानापुर पखंड की ग्राम पंचायत सरारी में 80, फतुहा प्रखंड की ग्राम पंचायत बारा में चार नीलगायों का शिकार करने के लिए जिला प्रशासन को आवेदन दिया है. अब इन आवेदनों पर विचार कर जिला प्रशासन इन्हे मारने का निर्णय लेगा.
मारने पर जिला प्रशासन राशि देगी
नीलगायों और जंगली सूअरों को मारने पर किसानों को जिला पशासन से राशि मिलेगी. नीलगाय व जंगली सूअरों को मारने पर शूटर को प्रति नीलगाय व जंगली सूअर को मारने के लिए 750 रपये मिलेगे. इसके बाद मारे गये नीलगाय व जंगली सूअरों को जमीन में गाड़ने के लिए 1250 रुपये दिये जायेगे.