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बिहार के इस जिले में बनेगा देश का पहला और दुनिया का चौथा एनर्जी म्यूजियम, 200 करोड़ खर्च करेगी सरकार

Bihar News: पटना के करबिगहिया में बंद पड़े थर्मल प्लांट की जमीन पर देश का पहला और दुनिया का चौथा ऊर्जा संग्रहालय बनने जा रहा है. करीब 200 करोड़ की लागत से बनने वाला यह आधुनिक संग्रहालय बिजली उत्पादन के इतिहास से लेकर नवीन तकनीक तक का अनोखा अनुभव देगा.

Bihar News: पटना के करबिगहिया में देश का पहला और दुनिया का चौथा ऊर्जा संग्रहालय बनाने की तैयारी शुरू हो गई है. गुरुवार को बिहार म्यूजियम में इसके निर्माण को लेकर अहम बैठक आयोजित हुई. बैठक में मुख्यमंत्री के सलाहकार और बिहार म्यूजियम के महानिदेशक अंजनी कुमार सिंह ने निर्माण एजेंसी की क्षमता, चयन प्रक्रिया और समय-सीमा को लेकर स्पष्ट निर्देश दिए. बैठक में ऊर्जा सचिव मनोज कुमार सिंह और NBPDCL के एमडी राहुल कुमार ने विस्तृत प्रस्तुति भी दी.

कितने एकड़ जमीन में बनेगा यह Museum?

ऊर्जा सचिव ने बताया कि यह संग्रहालय (Museum) करबिगहिया के बंद पड़े थर्मल पावर प्लांट की लगभग 3 एकड़ जमीन पर बनाया जाएगा. इसका मकसद ऊर्जा क्षेत्र के इतिहास को संरक्षित करना, शोध को बढ़ावा देना और पर्यटन को नए आयाम देना है. बिहार स्टेट पावर होल्डिंग कंपनी इस परियोजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च करेगी. संग्रहालय की थीम, डिजाइन और 3डी मॉडल तैयार करने के लिए निर्माण एजेंसी का चयन जल्द होगा.

क्या-क्या होगा ऊर्जा संग्रहालय में?

यह संग्रहालय अनोखा होगा और यहां बिजली उत्पादन का पूरा इतिहास दिखाया जाएगा. संग्रहालय में पुराने बिजली उपकरण, डीसी आधारित मॉडल, पावर जेनरेशन से जुड़े दुर्लभ मशीनें और तकनीक डिजिटल रूप में प्रदर्शित की जाएंगी.

संग्रहालय में होगा ओपन थिएटर

संग्रहालय में एक ओपन थिएटर भी होगा, जहां 3डी तकनीक के जरिए आगंतुकों को बिजली उत्पादन की शुरुआती यात्रा से लेकर आधुनिक तकनीक तक की पूरी कहानी दिखाई जाएगी. कई मॉडल ऐसे होंगे जो बटन दबाते ही डिजिटल रूप से काम करते दिखाई देंगे, ताकि बच्चे और युवा आसानी से ऊर्जा तकनीक को समझ सकें.

संग्रहालय के निर्माण और प्रदर्शनी लगाने की जिम्मेदारी ऑस्ट्रेलिया या अमेरिका की किसी अनुभवी एजेंसी को दी जा सकती है. इसके लिए जल्द ही टेंडर निकाला जाएगा, जिसमें भारत की एजेंसियां भी भाग लेंगी. एजेंसी के चयन के बाद ही निर्माण की तारीख तय होगी.

दुनिया में ऐसे सिर्फ तीन ऊर्जा संग्रहालय

  • पावर हाउस म्यूजियम, ऑस्ट्रेलिया: ऊर्जा, परिवहन और कम्युनिकेशन से जुड़े अनोखे संग्रहों के लिए प्रसिद्ध.
  • कूल स्प्रिंग पावर म्यूजियम, अमेरिका: आंतरिक दहन इंजन तकनीक का दुनिया का सबसे बड़ा संग्रह.
  • डॉयचे म्यूजियम, जर्मनी: शीर्ष विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संग्रहालयों में शामिल, जहां ऊर्जा उत्पादन का बड़ा सेक्शन मौजूद है.

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Abhinandan Pandey
Abhinandan Pandey
भोपाल से शुरू हुई पत्रकारिता की यात्रा ने बंसल न्यूज (MP/CG) और दैनिक जागरण जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में अनुभव लेते हुए अब प्रभात खबर डिजिटल तक का मुकाम तय किया है. वर्तमान में पटना में कार्यरत हूं और बिहार की सामाजिक-राजनीतिक नब्ज को करीब से समझने का प्रयास कर रहा हूं. गौतम बुद्ध, चाणक्य और आर्यभट की धरती से होने का गर्व है. देश-विदेश की घटनाओं, बिहार की राजनीति, और किस्से-कहानियों में विशेष रुचि रखता हूं. डिजिटल मीडिया के नए ट्रेंड्स, टूल्स और नैरेटिव स्टाइल्स के साथ प्रयोग करना पसंद है.

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