Bihar Flood Alert: बिहार के अलग-अलग जिलों में 2 अक्टूबर से भयंकर बारिश हुई. जिसके कारण कई जिलों में नदियां उफन आई. कोसी नदी भी रौद्र रूप में आ गई है. दरअसल, सहरसा में कोसी नदी का जलस्तर बढ़ने के बाद एक बार फिर हालात गंभीर हो गए हैं. शनिवार देर रात से बढ़ रहे पानी के कारण नदी उफान पर है.

रविवार देर शाम तक कोसी में पांच लाख अठारह हजार क्यूसेक पानी का प्रवाह दर्ज किया गया. इससे निचले इलाकों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. कई घरों में पानी घुस चुका है. खेत-खलिहान डूब चुके हैं और लोगों को ऊंचे जगहों पर शरण लेनी पड़ रही है. ऐसे कठिन हालात में भी कुछ लोग अपनी जिंदगी को दांव पर लगाकर नदी के तेज बहाव में उतर रहे हैं.

कोसी पूर्वी तटबंध के इलाके में महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग पानी में उतरकर बहती लकड़िया चुनते दिखाई दे रहे हैं. लकड़ी को जलावन या बेचने के साधन के रूप में इकट्ठा करने की यह मजबूरी अब दुर्घटना की आशंका में बदलती जा रही है.

स्थानीय लोगों के अनुसार, नदी का बहाव इतना तेज है कि हल्की सी फिसलन भी जानलेवा साबित हो सकती है. कई बार लोग लकड़ी पकड़ने के चक्कर में गहरे पानी में बह जाते हैं. आस-पास के ग्रामीण लगातार इस स्थिति को देखकर भयभीत हैं.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस समय कोसी नदी के प्रवाह में उतरना जीवन के लिए अत्यंत खतरनाक है. प्रशासन की ओर से फिलहाल तटबंध इलाके में न तो पर्याप्त चौकसी है और न ही किसी प्रकार का रोक-टोक अभियान. ऐसे में अगर समय रहते सावधानी नहीं बरती गई तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है.

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